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वर्ल्ड कप में बायर्न म्यूनिख

७ जून २०१४

फुटबॉल वर्ल्ड कप में कई नामी खिलाड़ी मैदान पर दूसरे खिलाड़ियों से लड़ते झगड़ते भी दिखेंगे. इनमें ऐसे खिलाड़ी भी होंगे जो फुटबॉल का सांबा खत्म होने के बाद एक ही टीम में बिछड़े दोस्त की तरह लौट आएंगे.

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DFB - Pokalfinale 2014 Borussia Dortmund gegen Bayern München
तस्वीर: MACDOUGALL/AFP/Getty Images

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ (फीफा) ने वर्ल्ड कप से जुड़े कुछ दिलचस्प आंकड़े जारी किए हैं. 12 जून से 13 जुलाई तक चलने वाले फुटबॉल महाकुंभ में 736 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे. इनमें से 114 खिलाड़ी इंग्लिश प्रीमियर लीग में खेलते हैं. इटली के क्लबों के लिए खेलने वाले 81 खिलाड़ी भी ब्राजील में महीने भर तक डेरा डाले रहेंगे. जर्मन क्लबों के 78 खिलाड़ी अपने दोस्तों से मैदान पर निपटेंगे.

वर्ल्ड कप में अगर किसी क्लब के सबसे ज्यादा खिलाड़ी मैदान पर होंगे तो वो है जर्मन टीम बायर्न म्यूनिख. अकेले बायर्न के 15 खिलाड़ी वर्ल्ड कप में अपने ही साथी खिलाड़ियों के खिलाफ खेलेंगे. इनमें से ज्यादातर जर्मनी के लिए खेलेंगे लेकिन उन्हें अपने ही साथियों फ्रांस के फ्रांक रिबेरी, नीदरलैंड्स के आर्यन रोबेन, ब्राजील के दांते और स्पेन के खावी मार्टिनेज से भिड़ना होगा.

मैनचेस्टर यूनाइटेड के 14 और बार्सिलोना के 13 खिलाड़ी भी ब्राजील पहुंच चुके हैं. चैंपियंस लीग चैंपियन रियाल मैड्रिड के भी कई खिलाड़ी अपने ही दोस्तों से भिड़ेंगे. पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो के सामने अपने ही क्लब के रामोस और आइकर कासियास (स्पेन), सेमी केदीरा (जर्मनी) और एंगेल डीमारिया (अर्जेंटीना) होंगे. रोनाल्डो और केदीरा का आमना सामना तो 16 जून को ही हो जाएगा.

एक लिहाज से मुश्किल इंग्लैंड की टीम को होगी. इंग्लैंड के ज्यादातर खिलाड़ियों ने आपस में बहुत ही कम फुटबॉल खेली है. प्रीमियर लीग में वे अलग अलग क्लबों के लिए खेलते रहे हैं. एक ही टीम में कई खिलाड़ियों के खेलने के मामले में बायर्न म्यूनिख को काफी अनुभव है. जर्मन टीम के ज्यादातर खिलाड़ी बायर्न के लिए खेलते हैं. सिर्फ मिडफील्डर केदीरा, मेसुत ओएजिल, लुकास पोडोल्स्की और फॉरवर्ड मिरोस्लाव क्लोजे ही दूसरे क्लबों के लिए खेलते हैं.

क्लबों में एक साथ और वर्ल्ड कप में आमने सामने खेलने वाले खिलाड़ी अक्सर मुकाबले को रोमांचक बनाते हैं. आम तौर पर बड़े खिलाड़ियों के दोस्तों को पता होता है कि किसे कहां मुश्किल होती है. इससे टीम को रणनीति बनाने में भी मदद मिलती है. झगड़ा होने पर भी एक क्लब में खेलने वाले खिलाड़ी जल्दी सुलह करा देते हैं.

ओएसजे/एमजे (डीपीए)