वर्ल्ड कप फुटबॉल का आज किक ऑफ
११ जून २०१०94 हजार दर्शकों की क्षमता वाले जोहानेसबर्ग के सॉकर सिटी स्टेडियम में उदघाटन समारोह होना है और इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला भी उपस्थित रहेंगे. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा और आर्चबिशप डेसमंड टूटू के भी सॉकर सिटी में होने वाले समारोह में शामिल होने की संभावना है.
वर्ल्ड कप का उदघाटन समारोह भारतीय समयानुसार शुक्रवार शाम साढ़े पांच शुरू होगा और 40 मिनट तक चलेगा. समारोह में डेढ़ हजार से ज्यादा छोटे बड़े कलाकार हिस्सा ले रहे हैं लेकिन अमेरिकी स्टार आर कैली पर सबकी नजरें होंगी.
19वें वर्ल्ड कप में 32 टीमें हिस्सा ले रही हैं और उदघाटन समारोह से पहले स्पेन को छोड़ कर सभी टीमें दक्षिण अफ्रीका पहुंच गई हैं. करोड़ों लोग वर्ल्ड कप के जुनून का हिस्सा बनने को बेताब हैं. जो दक्षिण अफ्रीका नहीं पहुंच पाएंगे, वे टीवी सेट, बड़ी स्क्रीनों, बार, पबों पर ही वर्ल्ड कप मैच देखकर उस रोमांच में खुद को शामिल करने की कोशिश करेंगे.
रोनाल्डो, रूनी, काका, मैसी सहित कई बड़े नामों को फुटबॉल के दीवाने मैदान पर अपनी लय, तेजी, दमखम, कौशल का प्रदर्शन करते देख सकेंगे. कुल मिलाकर 64 मैच होने हैं और फाइनल 11 जुलाई को खेला जाएगा.
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा भी फुटबॉल को बेहद पसंद करते हैं और उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की जनता का शुक्रिया अदा किया है. "देश में न सिर्फ बेहतर सुविधाओं को तैयार किया गया, हमने मानसिक रूप से भी तैयार हैं. पूरा देश इस समय जबरदस्त मूड में है." वुवुज़ेला हॉर्न से लैस दक्षिण अफ्रीका की टीम के प्रशंसक जब अपनी टीम के समर्थन के लिए स्टेडियम की ओर बढ़ेंगे तो ऐसा एहसास होगा मानो पीले और हरे रंग की लहरें आगे बढ़ रही हों.
फीफा के अध्यक्ष सेप ब्लैटर ने दुनिया को फुटबॉल के बुखार से पीड़ित होने की सलाह दे डाली है. उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि अब पूरा ध्यान सिर्फ फुटबॉल पर हो और लोग इसके नशे में डूब जाएं. ब्लैटर के मुताबिक यह टूर्नामेंट साबित करेगा कि दक्षिण अफ्रीका, अफ्रीका महाद्वीप, इतने बड़े पैमाने पर आयोजन करने में सक्षम है. उदघाटन मैच जोहानेसबर्ग में 90 हजार दर्शकों की क्षमता वाले सॉकर सिटी स्टेडियम में मेक्सिको और दक्षिण अफ्रीका के बीच होना है.
बहुत से लोगों को आशंका थी कि दक्षिण अफ्रीका इस बड़े आयोजन के लिए तैयार नहीं हो पाएगा. देश के परिवहन तंत्र, अपराध, बुनियादी ढांचे, रहने की व्यवस्था, सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की जा रही थी. कुछ ने तो यहां तक कह दिया गया कि वर्ल्ड कप की मेजबानी किसी और देश को सौंप दी जानी चाहिए. ऐसे में फुटबॉल वर्ल्ड कप तक का सफर दक्षिण अफ्रीका के लिए परीक्षा की घड़ी ही कही जाएगी.
फुटबॉल वर्ल्ड कप की विजेता टीम का फैसला तो 11 जुलाई को फाइनल के बाद ही हो पाएगा लेकिन दक्षिण अफ्रीका मैदान से बाहर विजयी बनकर उभरेगा. इतने बड़े पैमाने पर वर्ल्ड कप का आयोजन अपने आप में एक उपलब्धि है. दक्षिण अफ्रीका में फुटबॉल आयोजन से जुड़े अधिकारी कई लोगों के रुख से दुखी भी हैं. वे कहते हैं कि कभी आशंका जताई गई कि उनके पास पैसा नहीं है, कभी कहा गया कि टिकट कोई नहीं खरीदेगा लेकिन सब गलत साबित हुआ.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: महेश झा