वर्ल्ड कप की धूम के बीच विम्बलडन की खनक
२० जून २०१०इधर चिली के खिलाफ स्विट्जरलैंड के वर्ल्ड कप फुटबॉल का मैच, ठीक उसी वक्त स्विट्जरलैंड के जादुई टेनिस स्टार रोजर फेडरर का विम्बलडन मैच. जब दुनिया फुटबॉल के नशे में चूर है तो भला टेनिस को कौन पूछता है. लेकिन जब बात फेडरर की आती है तो दुनिया के हर खेल पीछे छूट जाते हैं.
यह बात अलग है कि खुद फेडरर फुटबॉल के दीवाने हैं और अपनी टीम को वर्ल्ड कप में अच्छे से अच्छा प्रदर्शन करता देखना चाहते हैं. लेकिन सफेद लिबास में हरे घास पर उतरने के साथ ही फेडरर के सामने सिर्फ एक ही लक्ष्य रह जाता है.
वह है जीत का. अगर वह इस बार लंदन से ट्रॉफी लेकर निकलते हैं तो वह ऐसा सातवीं बार करेंगे और विम्बलडन के बादशाह पीट सैंप्रास की बराबरी कर चुके होंगे. पिछले साल जब उन्होंने विम्बलडन में खिताब जीता, तो वह उनका 15वां ग्रैंड स्लैम था, सैंप्रास के कुल ग्रैंड स्लैम से एक ज्यादा.
पिछले एक दशक में टेनिस के सभी मापदंड बदल देने वाले फेडरर दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं. लगातार पांच बार विम्बलडन जीत चुके हैं और मौजूदा दौर में अगर उन्हें कोई टक्कर देने की शक्ति रखता है तो एक बार के विम्बलडन विजेता रफाएल नडाल. नजरें नडाल पर भी होंगी, जो दो साल पहले फाइनल में फेडरर को हरा कर विम्बलडन खिताब जीत चुके हैं और उसके बाद पहली बार लंदन में ग्राउंड पर उतरने वाले हैं.
यह बात अलग है कि फेडरर के स्विटजरलैंड ने नडाल के स्पेन को वर्ल्ड कप फुटबॉल में पटखनी दे दी है. जहां तक महिलाओं का सवाल है, सेरेना विलियम्स लगातार खिताब जीतने के इरादे से उतरेंगी, जबकि उन्हें टेनिस में वापसी कर चुकी दो खिलाड़ियों जस्टिन हेना हार्डिन और किम क्लाइस्टर्स से कड़ी टक्कर मिल सकती है. वैसे उनकी सगी बहन वीनस भी कुछ करिश्मा कर सकती हैं, जिनके नाम पांच विम्बलडन खिताब हैं.
जहां तक भारत का सवाल है, शादी के बाद सानिया मिर्जा फॉर्म में नहीं हैं और उनसे कुछ खास उम्मीद नहीं की जा सकती. अलबत्ता हमेशा की तरह लिएंडर पेस और महेश भूपति से खिताब की आस की जा सकती है. लेकिन लंदन में हरे घास के कोर्ट पर अगर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ, तो वर्ल्ड कप फुटबॉल के बीच चार जुलाई तक चलने वाले विम्बलडन टेनिस मुकाबले यूं ही निकल जाएंगे.