वक्त के साथ रंग बदलने वाले...
छद्मरूप धारण करना नाटकों और जानवरों दोनों की दुनिया में लोकप्रिय है. गिरगिट, सांप और कुछ दूसरे जीव अलग अलग स्थिति में अपने खास रंग दिखा सकते हैं. कभी खुद को शिकारी से बचाने के लिए, तो कभी अपने शिकार को डराने के लिए.
रंग बदलने में चैंपियन
त्वचा का रंग बदलने के मामले में गिरगिट का कोई मुकाबला नहीं. लंबे समय से माना जाता रहा है कि सांप जैसे शिकारियों से बचने के लिए वे ऐसा करते हैं. लेकिन असल में अपनी अलग अलग भावनाओं जैसे आक्रामकता, गुस्सा, दूसरे गिरगिटों को अपना मूड दिखाने और इस माध्यम से संवाद करने के लिए भी वे रंग बदलते हैं.
रंग ही सबकुछ नहीं
गिरगिट की सभी प्रजातियां हर रंग में नहीं बदल सकती. यह कई बार दिन के समय पर निर्भर करता है. कई बार वे रंग नहीं केवल अपनी चमक बदल लेते हैं. खतरे की स्थिति में वह अपने रंग के साथ साथ आकार भी बदल लेते हैं. फूल कर अपना आकार बड़ा कर लेना भी इनका एक तरीका है.
बिना हिले
गिरगिट के बहुत ज्यादा प्राकृतिक दुश्मन नहीं हैं. वह आराम से पेड़ों की टहनी पर बिना हिले बैठा रहकर अपने शिकार का इंतजार करता है. कीड़े मकोड़े दिखते ही जल्दी से अपनी लंबी सी जीभ फेंक कर उसे निगल लेता है.
सामूहिक पोशाक जैसा
जेबरा भी छलावरण की इस नैसर्गिक प्रतिभा का उपयोग करते हैं. काले और सफेद धारीदार जेबरा के आस पास अगर शेर आ जाए तो उसको भ्रमित करने के लिए वे झुंड में पास पास आ जाते हैं. ऐसे में शेर को कोई एक जानवर दिखाई नहीं पड़ता और वह चौंक जाता है.
शाखा या लूपर?
लूपर नामका यह कीड़ा धोखा देने में उस्ताद है. तितलियों के परिवार से आने वाला यह कीट वातावरण के हिसाब से खुद को बहुत खूबी से बदल लेता है. एक नजर में पेड़ की पतली सी शाखा की तरह लगने वाला लूपर अपने आपको पास के माहौल में मिला लेता है.
शीर्षक पर पूरी तरह खरा!
ऑक्टोपस की ये प्रजाति समुद्रतल पर खुद को बहुत खूबसूरती से छिपा लेती है. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर यह अपने पास के किसी दूसरे समुद्री जीव, सांप, घोंघा या किसी और जैसा आकार और रंग भी अपना सकता है.
सामने पर अदृश्य
इस तितली को देखें जो अपने पंखों पर दो जोड़ी आंखें लेकर उड़ती है. जी हां, आंखों की इस डिजाइन के कारण वे किसी शिकारी को खाने लायक नहीं बल्कि खतरनाक दिखती हैं. इनके अलावा मोर के पंखों पर भी बड़ी बड़ी आंखों की नकल जैसे डिजाइन होते हैं जिससे वह अपने शिकारी को भ्रमित करने की कोशिश करता है.
कौन हूं मैं?
नकल का सबसे अच्छा उदाहरण शायद होवरफ्लाई करती है. चटकीले पीले और काले रंग की धारियों वाला यह कीड़ा ततैया होने का दिखावा करता है. उसके दुश्मन डर जाते हैं क्योंकि जहरीला ततैया उन्हें डंक मार सकता है. यह उपाय होवरफ्लाई को शिकारियों से बचा लेता है.
विशेष रूप से घातक
मॉन्कफिश समुद्रतल से चिपक कर बिल्कुल उसके जैसी ही दिखती है. इसके अलावा इसकी त्वचा पर ऐसी डिजाइन होती है जो किसी कीड़े जैसी दिखती है. इसे कीड़ा समझकर जब कोई मछली इसकी तरफ आकर्षित होती है तो मॉन्कफिश उसे वापस नहीं जाने देती और अपना शिकार बना लेती है.