लिफ्ट मांगने वाला रोबोट - हिचबोट
लोगों को लिफ्ट मांगते हुए तो आपने देखा होगा, लेकिन क्या कभी सड़क किनारे बैठे किसी रोबोट ने आपसे लिफ्ट मांगी है?
हिचबोट शब्द अंग्रेजी के दो शब्दों से मिलकर बना है, हिचहाइकिंग और रोबोट. हिचहाइकिंग यानि लिफ्ट मांग मांग कर रास्ता तय करना और हिचबोट नाम का रोबोट यही कर रहा है.
कनाडा में बनाया गया यह रोबोट कई भाषाएं बोल सकता है. लोगों से लिफ्ट मांगकर यह जर्मनी में कई जगह घूम चुका है.
नेवीगेशन की मदद से हिचबोट आस पास मौजूद ड्राइवरों को संकेत भेजता है. हर 15 मिनट के बाद हिचबोट अपनी पोजिशन बताता है.
कनाडा स्थित हिचबोट निर्माता डेविड हैरिस स्मिथ बताते हैं, "हम जानना चाहते थे कि क्या लोग रोबोट की मदद करेंगे, क्या वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं या फिर आगे की यात्रा में इसकी मदद करते हैं."
सड़क पर जब यह लोगों को यह दिखता है तो वे इसे उठा कर अपने साथ गाड़ी में ले चलते हैं. इसे उठाना मुश्किल नहीं, लेकिन थोड़ा बेढंगा जरूर है.
पहली नजर में यह रोबोट के बजाए एक गुड़िया या खिलौने सा लगता है. यह रोबोट गाड़ी के लाइटर से चार्ज होता है. रास्ते में आप इससे बातें भी कर सकते हैं.
हिचबोट अब तक दस हजार किलोमीटर की यात्रा कर चुका है. अपने भाव यह लाइटों के जरिए जाहिर करता है और इसका सामान्य ज्ञान गजब का है.
हमने जब हिचबोट से पूछा कि तुम्हें जर्मनी पसंद है, तो जवाब मिला, "1949 में तीन वेस्ट जोनों से मिलकर जर्मन संघीय गणतंत्र बना, सोवियत जोन से जर्मन जनवादी गणतंत्र बना. 19वीं शताब्दी के मध्य की औद्योगिक क्रांति ने जर्मनी को मजबूत किया है."
डेविड हैरिस बताते हैं कि कुछ मामलों में इसके बोलने वाला डाटाबेस बहुत गहरा है, "लेकिन कभी आप कुछ दिनों तक इसे चुप भी देख सकते हैं. एक दिन तो यह गाना गा रहा था, आई एम लाइक ए बर्ड."
आठ किलो का हिचबोट देखने में जितना प्यारा लगता है, उसके पीछे उतना ही जटिल विज्ञान भरा हुआ है.