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पानी में फिर लाल खतरा

९ अगस्त २०१४

फ्लोरिडा का पानी एक बार फिर से लाल हो रहा है. मछलियों के लिए जानलेवा ये लाल पानी इंसानों के लिए भी उतना बड़ा खतरा हो सकता है.

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Forschungstauchen in der Antarktis
तस्वीर: Dirk Schories

एक दशक पहले पानी में लाल शैवाल के बढ़ने से मेक्सिको की खाड़ी में हजारों मछलियां मारी गई थी. अगर ये पानी तटों की ओर आए तो इससे इंसानी स्वास्थ्य को भी खतरा पैदा हो सकता है. हाल में देखा गया लाल हिस्सा करीब 130 किलोमीटर लंबा और 80 किलोमीटर चौड़ा है.

ये लाल लहर तब पैदा होती है जब प्राकृतिक रूप से पानी में पाई जाने वाली लाल रंग की शैवाल तेजी से बढ़ जाती है. इससे निकलने वाला जहरीला पदार्थ मछलियों और समुद्री जीवों के लिए खतरनाक होता है. इंसानों में इसके बिना गंध वाले केमिकल सांस की बीमारी पैदा करते हैं. इसमें खांसी और छींक शामिल है. फ्लोरिडा में मछली और वन्य जीव संरक्षण कमीशन के प्रवक्ता ब्रैंडन बेसिनो ने बताया, "अगर वो तट की ओर आ जाते हैं तो असर बहुत बड़ा होगा. इससे कई समुद्री जीव मारे जा रहे हैं, खासकर मछलियां."

2006 के बाद से यह सबसे बड़ी लाल लहर है. इससे स्नैपर, बुल शार्क, ऑक्टोपस जैसे कई जीव और मछलियां मारी जा रही हैं.

वैसे तो ये प्राकृतिक प्रक्रिया कई साल से चल रही है लेकिन फ्लोरिडा में हाल के समय में ये बहुत ज्यादा हुई है क्योंकि तटों पर पर्यटन और व्यावसायिक मछली पकड़ना बढ़ गया है.

पिछले साल इसी इलाके में तट के नजदीक लाल शैवाल बढ़ी थी इससे फ्लोरिडा में पाया जाने वाला विशेष स्तनपायी जीव मैनेटी मारा गया. सारासोटा में मोट मरीन लैब में समुद्री तकनीक की मैनेजर केली डिक्सन कहती हैं, "मैंने ऐसी लाल लहर और जंगल की आग जैसे पर्यायवाची भी सुने हैं. पारिस्थितिकी तंत्र खुद को ठीक करता है."

इस लैब ने दो जल रोबोट वाल्डो और बास डाटा इकट्ठा करने के लिए भेजे. लाल लहर बहुत धीरे आगे बढ़ती है और कई महीने तक चलती रह सकती है या फिर तूफान के कारण तेजी से तितर बितर भी हो सकती है. साथ ही दो हजार वर्ग किलोमीटर के इलाके से पानी के नमूने भी लिए गए. टीम को पता चला कि समंदर के तल पर लाल शैवाल जमा हैं और आशंका है कि लहरों के कारण ये जमीन तक पहुंच सकती हैं.

एएम/ओएसजे (एएफपी)