लापता विमान: समुद्र से मिलीं लाशें
३० दिसम्बर २०१४नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा है कि लाशों को बुंग टोमो युद्धपोत पर लाया गया है. मलबों और लाशों को निकालने का काम अभी चल रहा है. अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि जावा सागर में मिला मलबा रविवार को लापता एयरएशिया विमान का है. इंडोनेशिया की विमानन एजेंसी के प्रमुख जोको मुरजातमोजो ने बताया, "इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि यह एयरएशिया का विमान है."
अधिकारियों के मुताबिक ये लाशें जावा समुद्र में उस जगह से करीब 10 किलोमीटर दूर मिली हैं जहां से विमान क्यूजेड 8501 और एयर ट्रैफिक कंट्रोल का अंतिम बार संपर्क हुआ था. इससे पहले खोजी दल को समुद्र में लाल और सफेद रंग का मलबा दिखाई दिया जिसके एयर एशिया के संभावित मलबा होने की बात कही जा रही है. पानी में यात्रियों का कुछ सामान और एक लाइफ जैकेट दिखाई दी है.
राष्ट्रीय खोज एवं बचाव दल के निदेशक एसबी सुप्रियादी ने बताया कि जो लाशें पानी से निकाली गई हैं उनपर लाइफ जैकेट नहीं थीं. उन्होंने बताया कि निकाली गई लाशें सूज गई हैं लेकिन मृत शरीर सुरक्षित हैं. एयर एशिया समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी फर्नांडिस ने कहा, "क्यूजेड 8501 से संबंधित परिवारों के लिए मेरा दिल बहुत दुखी है. एयर एशिया की तरफ से मेरी सहानुभूति उनके साथ है. शब्द बयान नहीं कर सकते कि मैं कितना दुखी हूं."
दो दिन से खोज जारी
इंडोनेशिया के सुराबाया से सिंगापुर जा रहा विमान रविवार को 162 यात्रियों के साथ उड़ान भरने के दो घंटे बाद लापता हो गया था. लापता होने से पहले बोर्नो द्वीप के पास विमान ने कंट्रोल रूम से खराब मौसम के कारण रास्ता बदलने की अनुमति मांगी थी. विमान से किसी आपातकालीन स्थिति की जानकारी नहीं दी गई थी.
विमान की खोज में इंडोनेशिया के 30 नौसैनिक पोत और 21 विमान लगे हुए हैं. इसके अलावा सिंगापुर, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के नौसैनिक पोत विमान की खोज में मदद कर रहे हैं. पहले विमान के समुद्र तल में होने की आशंका जताई जा रही थी. इंडोनेशियाई टेलीविजन पर पानी में तैरता मृत शरीर और लाइफ जैकेट की तस्वीरें दिखाई गईं हैं. इसके साथ ही यात्रियों का इंतजार कर रहे परिजनों का हौसला टूट गया.
साल का तीसरा हवाई हादसा
एयरबस ए 320 जहाज का इंजन सीएमएफ इंटरनेशनल कंपनी ने बनाया था. कंपनी के सहमालिक जनरल इलेक्ट्रिकल्स के प्रवक्ता ने बताया कि इस विमान के इंजन को रियल टाइम में मॉनिटर नहीं किया जा सकता था. उस तरह का सिस्टम लंबी फ्लाइटों में इस्तेमाल होता है. इनकी मदद से एयरलाइंस और जांचकर्ताओं को कोई गड़बड़ होने पर पता चल जाता है.
इससे पहले मार्च में मलेशियन एयरलाइंस के एमएच370 के लापता होने की घटना हुई थी. जुलाई में मलेशियन एयरलाइंस का एक और विमान एमएच17 यूक्रेन के ऊपर से गुजरते समय गिरा दिया गया. इस इलाके में विमान दुर्घटनाओं की यह इस साल तीसरी घटना है जिसने उड्डयन उद्योग पर असर डाला है. इलाके के यात्रियों में हवाई यात्राओं को लेकर शंका है.
एसएफ/एमजे (रॉयटर्स/एपी)