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ललित मोदी के समर्थन में आए शरद पवार

१६ अप्रैल २०१०

कृषि मंत्री शरद पवार ने आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी का समर्थन करते हुए कहा है कि किसी भी फ्रैंचाइज़ी के हिस्सेदारों के नाम सार्वजनिक करना गलत नहीं है. शुक्रवार को विपक्ष थरूर के मुद्दे को राज्यसभा और लोकसभा में उठाएगी.

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शरद पवारतस्वीर: UNI

केंद्रीय कृषि मंत्री और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, "शेयरहोल्डरों के नाम सावर्जनिक करने में कुछ भी ग़लत नहीं है." पवार से आईपीएल में पारदरर्शिता को लेकर भी सवाल पूछा गया क्योंकि आरोप लग रहे हैं कि अंडरवर्ल्ड और सट्टेबाज़ आईपीएल की टीमों को ख़रीदवाने के लिए बड़ी संख्या में पैसा लगा रहे हैं.

Lalit Modi von der Indian Premier League in Johannesburg, Südafrika
तस्वीर: AP

इसके जवाब में पवार ने कहा, "अगर आईपीएल कमीश्नर या फिर बीसीसीआई के अध्यक्ष किसी भी बोली के बारे में कोई जानकारी चाहते हैं तो उन्हें इस बारे में पूछने का पूरा अधिकार है. क्योंकि जब तक उन्हें सही सूचना नहीं मिलती, उन्हें नहीं पता चलेगा कि बोली के पीछे कौन है."

पवार ने विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का भी समर्थन किया और कहा कि मंत्री की 'मुख्य उद्देश्य' केरल में क्रिकेट और आईपीएल को ले जाना था ताकि वहां के नए खिलाड़ियों को भी मौक़ा मिल सके. पवार के विचार में थरूर चाहते थे कि कोच्ची को भी आईपीएल में मौक़ा मिले. "केरल के लोगों को वे दिखाना चाहते थे कि आईपीएल केरल का भी हिस्सा है और वे केरल के नए खिलाड़ियों को भी उत्साह देना चाहते थे."

कृषि मंत्री पवार को उम्मीद है कि बीसीसीआई और थरूर की बैठक के बाद ग़लतफ़हमी दूर हो जाएगी. "मुझे इस बात में कोई शंका नहीं है कि एक बार बीसीसीआई अध्यक्ष (शंशाक मनोहर) की बैठक हो जाएगी उसके बाद सारी ग़लतफ़हमियां दूर हो जाएंगी."

पवार ने यह भी कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का इस पूरी कहानी से कोई लेना देना नहीं है. "कोच्चि के निवेशक मुझसे एक बार मिले थे. उनकी सलाह थी कि कोच्चि का स्टेडियम पूरा होने में एक या दो साल लगेंगे इसलिए इस दौरान अगर वे अहमदाबाद में खेल सकें तो अच्छा होगा." लेकिन पवार ने उन्हें सलाह दी कि "आपने कोच्चि का विकल्प चुना है तो जगह न बदलें.

उस समय नरेन्द्र मोदी शहर में थे इसलिए मेरी उपस्थिति में वे नरेन्द्र मोदी से भी मिले. मोदी ने कोच्चि निवेशकों को सलाह दी कि अहमदाबाद नहीं चुने क्योंकि आपको ये मौका कोच्चि में मिला है."

पवार ने कहा कि उन्हें इस बात का विश्वास नहीं कि ललित मोदी ने कोच्चि फ्रैंचाइज़ी को पीछे हटने के लिए पांच करोड़ डॉलर यानी क़रीब 200 करोड़ रूपये देने की पेशकश की. उन्होंने थरूर को अंडरवर्ल्ड की धमकी की गंभीरता पर भी सवाल उठाया.

इस सारे विवाद के बीच गुरुवार को विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से मिले. बैठक के बाद कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई. माना जा रहा है कि थरूर ने अपना पक्ष सोनिया गांधी के सामने रखा.

शुक्रवार को विपक्षी पार्टियां लोक और राज्य सभा में शशि थरूर के मुद्दे को उठाएंगी. विपक्ष का कहना है कि थरूर ने अपने पद का दुरुपयोग करने हुए अपनी घनिष्ठ मित्र सुनंदा पुष्कर को क़रीब 70 करोड़ रुपये की फ़्री इक्विटी दिलाने में मदद की.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः एस गौड़