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अलग कृषि बजट की मांग

महेश झा५ जनवरी २०१६

सूखे की मार झेल रहे भारत में किसान संगठनों का कहना है कि किसानों की मदद के लिए कृषि क्षेत्र में बजट बढ़ाए जाने की जरूरत है. किसान सभा के नेता अतुल अंजान ने रेल बजट की तरह अलग कृषि बजट की मांग की है.

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तस्वीर: DW/M. Mamun

स्वतंत्र कृषि बजट जरूरी

देश के विभिन्न हिस्सों में सूखे की वजह से चावल, कपास और दूसरी फसलें प्रभावित हुई हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात में किसान नेताओं ने किसानों की आय बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे को पूरा करने की मांग की है. जेटली ने बजट में वृद्धि का संकेत देते हुए कहा कि भारत को बेहतर बीज के इस्तेमाल और पानी के बेहतर उपयोग के जरिए कृषि उत्पादकता बढ़ाने की चुनौती है. 2014 में प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार के दौरान कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने का वादा किया था ताकि किसानों को अपने निवेश पर 50 प्रतिशत का मुनाफा मिल सके. इसके विपरीत किसान सभा के नेता अतुल अंजान की शिकायत है कि किसानों को न्यूनतम मूल्य तक नहीं मिलता. उन्होंने रेल मंत्रालय की तर्ज पर कृषि मंत्रालय का पृथक बजट पेश करने की मांग की है.

Atul Anjan
तस्वीर: DW/S.Waheed