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रूस से अपना राजदूत वापस बुलाएगा जापान

२ नवम्बर २०१०

प्रशांत महासागर में चार द्वीपों पर कब्जे को लेकर रूस और जापान में ठन गई है. इन द्वीपों पर रूसी राष्ट्रपति के दौरे के बाद जापान ने रूस से अपना राजदूत वापस बुलाने का फैसला किया है. दूसरे विश्व युद्ध से चल रहा है विवाद.

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जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कानतस्वीर: AP

जापान के विदेश मंत्री सेइजी माएहारा ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति मेदवेदेव के कुरील द्वीप पर दौरे के बाद उन्होंने रूस में जापान के राजदूत से जानकारी मांगी है. जापान ने रूसी राष्ट्रपति के इस दौरे को 'बेहद अफसोसनाक' करार दिया. इसके साथ ही माएहारा ने कहा, "मैंने रूस में जापान के राजदूत को फिलहाल वापस बुलाने का फैसला किया है."

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रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेवतस्वीर: AP

कुरील द्वीप जापान के होक्काइदो द्वीप के उत्तर में हैं और दूसरे विश्व युद्ध में इन पर रूस का कब्जा होने के बाद से ये उसी के अधीन हैं. जापान दक्षिण के चार द्वीपों पर अपना दावा करता है. इस मामले में आया उबाल प्रधानमंत्री नाओतो कान के लिए दूसरी मुसीबत लेकर आया है जो पहले से ही चीन के साथ पूर्वी चीनी सागर में सीमा विवाद की आंच झेल रहे हैं.

सोमवार को रूसी राष्ट्रपति ने कुरील द्वीप का दौरा कर इस मामले को सुलगा दिया. इन द्वीपों पर किसी रूसी राष्ट्रपति का यह पहला दौरा था. इन्हीं द्वीपों की वजह से जापान और रूस के बीच जंग के बाद शांति समझौते पर आज तक दस्तखत नहीं हो सके. इन द्वीपों पर कुछ घंटों के लिए गए मेदवेदव ने कई जगहों को देखा और स्थानीय लोगों से बात की. रूसी राष्ट्रपति के दौरे के तुरंत बाद जापान ने टोक्यो में रूसी राजदूत को तलब किया. इससे पहले जापान की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री कान अभी भी राष्ट्रपति मेदवेदेव से मुलाकात करना चाहते हैं. मेदवेदेव एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने इस महीने की 13-14 तारीख को जापान में रहेंगे.

जापान सरकार के मुख्य प्रवक्ता योशितो सेंगोकू ने कहा, "मुझे यकीन है कि दोनों देशों के नेताओं की आपसी मुलाकात होगी." उधर जापान की सत्तारूढ़ वामपंथी सरकार विरोधियों के निशाने पर आ गई है. मेदवेदेव के दौरे और इस विवाद से निबटने के तरीकों पर कड़ी आपत्ति जताई गई है. स्थानीय अखबार योमिउरी शिम्बुन ने लिखा है, "रूसी पक्ष ने जापनी कूटनीतिज्ञों की उलझन का फायदा उठाया है और अब इन द्वीपों पर जापान की मांग के खिलाफ उन्होंने सुरक्षात्मक कदम उठा लिया है."

कान से पहले यूकियो हातोयामा को जून में ओकिनावा द्वीप के मामले में अमेरिका और स्थानीय नागरिकों को नाराज करने का खामियाजा अपनी कुर्सी गंवा कर भुगतनी पड़ा.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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