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रूस में पाबंदी, सर्बिया की चांदी

२३ अगस्त २०१४

यूरोपीय संघ और रूस के तनाव में सर्बिया को खाने पीने के निर्यात से काफी फायदा हो सकता है. रूस ने यूरोपीय संघ से फलों और डेयरी उत्पादों पर रोक लगा दी है. जिससे ईयू के किसान फिलहाल जूझ रहे हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

सर्बिया के अनाज निर्यातक ईयू और रूस के बीच तनाव के कारण पैदा हुई अनाज की कमी को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं. बेलग्रेड के सामने फायदा उठाने और ब्रसेल्स के साथ रिश्ता बनाए रखने के बीच संतुलन बनाए रखने की बड़ी चुनौती है.
यूरोपीय संघ के आर्थिक प्रतिबंधों के जवाब में रूस ने कृषि और डेयरी उत्पादों का आयात बंद कर दिया है. तब से यूरोपीय संघ कोशिश में है कि उसे प्रतिबंधों के मामले में निर्यातक देशों से मदद मिले. इनमें सर्बिया भी है क्योंकि वह यूरोपीय संघ में शामिल होना चाहता है.
पिछले सप्ताह यूरोपीय संघ के सदस्य देशों ने अनुरोध किया था कि प्रतिबंधों के कारण पैदा हुए व्यापार के नए मौकों से वो बचें. ईयू के एक सूत्र ने बताया, "यह मूल्यों की बात है." अगर देश खुद अपने निर्यातकों को रूसी मार्केट में जाने में मदद करें तो, "इसे यूरोपीय संघ में पसंद नहीं किया जाएगा और ये याद रखा जाएगा."
लेकिन ये मौका इतना अच्छा है कि शायद सर्बिया के उत्पादक इसे भुनाने से रुक न पाएं. सर्बिया की कृषि मंत्री स्नेजाना बोगोसावलेविच ने मॉस्को यात्रा से पहले एक स्थानीय अखबार को बताया, "रूस को निर्यात एक खास मौका है, जिसे सर्बिया को भुनाना ही चाहिए."
रूस सर्बिया के कृषि उत्पादों में रुचि रखता है, खास तौर पर मांस और चीज जैसे डेयरी प्रोडक्ट. कृषि मंत्री ने बताया, "जैसे कि चीज है जिसे हम जितना बनाएंगे उतना निर्यात कर सकते हैं."
सर्बिया के व्यापार मंत्री रासिम ल्याजिच ने कहा कि देश "रूसी मांग के नीचे दब गया है." उन्होंने अंदाज लगाया है कि 2013 में जो आपसी व्यापार 17 करोड़ डॉलर के आस पास था वह इस साल 30 करोड़ डॉलर तक पहुंत सकता है.
सर्बिया के प्रमुख डेयरी उत्पादक इमलेक ने पुष्टि की है कि उसने रूस से निर्यात की अनुमति ले ली है. उम्मीद की जा रही है कि सितंबर से ये निर्यात शुरू भी हो जाएगा.
दूसरी कंपनियां भी रूस की सबसे बड़ी रिटेलर चेन डिक्सी ग्रुप के साथ बातचीत के लिए लाइन में हैं. प्राकृतिक तौर पर भी सर्बिया और रूस के बीच नजदीकी संबंध रहे हैं. यूगोस्लाविया से अलग होने और उसके बाद के युद्ध के समय में पश्चिमी देशों के साथ तनाव के दौरान उसके रूस से संबंध काफी मजबूत हुए थे.
मॉस्को बेलग्रेड का पिछले साल तक पक्का साझेदार था जब तक उसने ईयू में आने के लिए कोसोवो से विवाद खत्म नहीं किया था. अब उसे अपने इस कदम को संतुलित करना है.
हालांकि ये भी आशंका है कि रूस को निर्यात के कारण देश में कई चीजों की कीमत एकदम उछाल खा सकती है. और महंगाई सर्बिया के लिए बहुत बुरी साबित होगी क्योंकि देश में मासिक औसत आय 44,000 सर्बियाई दिनार यानि करीब 30,000 रुपये है जबकि बेरोजगारी 25 फीसदी है.
हालांकि ल्याजिक का कहना है कि कीमतें कम भी हो सकती हैं क्योंकि यूरोपीय संघ ऐसा बाजार खोज रहा है जहां रूस के लिए तय चीजें बेची जा सकें. उन्होंने कहा, "हमारे व्यापारी सस्ता खाद्यान्न तलाशेंगे और उन्हें स्थानीय बाजार में लाएंगे." हालांकि सर्बिया रूस में खाद्यान्न की सारी मांग तो वैसे भी पूरी नहीं कर सकता है. क्योंकि यूरोपीय संघ से वहां पिछले साल 43 अरब डॉलर का खाद्यान्न निर्यात किया गया था.
एएम/एजेए (डीपीए)

Supermarkt Milchprodukte in Minsk Belarus
तस्वीर: DW/E. Danejko