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रूस में न्याय के नाम पर धोखा: पश्चिमी देश

३१ दिसम्बर २०१०

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने रूस के सबसे धनी व्यक्ति रह चुके मिखाएल खोर्दोकोवस्की की सजा की तीखी निंदा की है. अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है और कहा कि इससे रूस में सुधारों की पहल को धक्का लगा है.

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तस्वीर: AP

अदालती कार्रवाई को धोखा बताते हुए अमेरिका और यूरोप के नेताओं ने कहा कि रूस में कानून के कदम पीछे खिसक रहे हैं. खोर्दोकोवस्की रूसी प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन के कट्टर विरोधी हैं. पश्चिमी देशों का आरोप है कि पुतिन विरोधी होने की वजह से ही खोर्दोकोवस्की को सजा पर सजा दी जा रही है. खोर्दोकोवस्की रूस में राष्ट्रपति चुनाव भी लड़ना चाहते थे लेकिन अब उन्हें 14 साल तक जेल में रहना होगा.

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खोर्दोकोवस्की समर्थकों की गिरफ्तारीतस्वीर: AP

गुरुवार को अदालत ने वित्तीय धोखाधड़ी के एक और मामले में उन्हें दोषी करार दिया. यूरोपीय संघ में रूस के सबसे घनिष्ठ साझेदार जर्मनी ने भी रूसी अदालत के इस फैसले की निंदा की है. जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल आशंका जताई कि अदालती कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है. मैर्केल ने कहा, ''मैं खोर्दोकोवस्की मामले में आए फैसले से निराश हूं. यह कड़ा फैसला है. इससे रूस की उस घोषणा पर संदेह होता है जिसमें उसने देश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने की बात कही है.''

अमेरिका ने खोर्दोकोवस्की की बढ़ाई गई सजा को यातना बताया है. अमेरिका ने चेतावनी देते हुए कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष न्याय व्यवस्था के बिना रूस की अर्थव्यवस्था आगे नहीं बढ़ सकेगी. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने एक बयान जारी कर कहा, ''हम इन आरोपों से चिंतिंत हैं कि सुनवाई के दौरान कई नियमों का उल्लंघन किया गया. इससे लगता है कि न्यायिक व्यवस्था का बेजा इस्तेमाल कर एक गलत फैसला निकाला गया. अब खोर्दोकोवस्की और लेबेदेव को अधिकतम सजा सुनाई गई है.''

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फैसले से नाखुश जर्मनीतस्वीर: dapd

ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग कहते हैं, ''ब्रिटेन रूस से कहना चाहता है कि वह न्याय के सिद्धांतों का पालन करे. कानून में किसी से भेदभाव न किया जाए.'' फ्रांस ने भी कड़े शब्दों में रूस की निंदा की है.

रूसी तेल कारोबारी मिखाएल खोर्दोकोवस्की को 2003 में गिरफ्तार किया गया था. उन पर वित्तीय धांधली और गैर कानूनी ढंग से पैसे का लेन देन करने के आरोप हैं. इन आरोपों को लेकर उन पर कई केस दर्ज हैं. पहली सजा के तहत उन्हें 2011 में रिहा होना था लेकिन अब उनकी सजा बढ़ा दी गई है. इसके तहत वह 2017 तक जेल में रहेंगे. रूस में 2012 में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं. इन चुनावों में खोर्दोकोवस्की भी हिस्सा लेने वाले थे. रूस में वह काफी लोकप्रिय हैं. आरोप है कि उनकी लोकप्रियता से घबराकर राष्ट्रपति पद के दावेदार ब्लादिमीर पुतिन ने उन्हें लंबी अवधि के लिए अंदर करवा दिया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन