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यूक्रेन को रुसी मदद

१२ अगस्त २०१४

रूसी सहायता दल पूर्वी यूक्रेन जा रहा है. वह संघर्षग्रस्त पूर्वी यूक्रेनी इलाकों में मानवीय मदद के लिए पहुंच रहा है. यूक्रेनी सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि सीमा में किसी राहत दल को नहीं आने दिया जाएगा.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

मंगलवार की सुबह राहत सामग्री के साथ करीब 280 ट्रक मॉस्को से रवाना हुए हैं. रूसी मीडिया के मुताबिक पूर्वी यूक्रेन को जाने वाले इन ट्रकों में करीब 2000 टन सामान है.

यह प्रयास अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस कमेटी के सहयोग से रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने सोमवार को घोषित किया. यूक्रेन के राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको ने बाद में पुष्टि की कि कीव ने मॉस्को से मिलने वाले इस सहयोग को स्वीकार किया है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने यूक्रेन को चेतावनी दी है.

रूसी मीडिया ने मंगलवार को जानकारी दी कि 1000 किलोमीटर की दूरी पार कर यूक्रेन तक पहुंचने में करीब दो या तीन दिन लगेंगे. इसके बाद यूक्रेनी सीमा पर रेड क्रॉस के प्रतिनिधि इस कारवां से मिलेंगे. उधर अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस मिशन ने कहा है कि उन्होंने इस राहत अभियान को अनुमति नहीं दी है. आईसीआरसी की प्रवक्ता अनास्तासिया इस्युक ने जेनेवा में कहा, "इसके पहले कि हम आगे बढ़ें हमें और सूचना की जरूरत है."

यूक्रेनी सीमा में आने के बाद राहत सामग्री वाले ट्रकों के साथ यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन ओएससीई के प्रतिनिधि जाएंगे. पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष के कारण हजारों बेघर हो गए हैं और कई इलाकों में बिजली पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है.

कारवां के पीछे क्या

पश्चिमी देशों ने इन ट्रकों में आने वाले सामान पर संदेह जताया है. नाटो के मुताबिक यूक्रेनी सीमा के नजदीक करीब 45,000 रूसी सैनिक तैनात हैं. फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरां फाबियुस ने कहा, "हमें बहुत सतर्क रहना होगा क्योंकि यह रूसियों के खुद को लुगांस्क और डोनेट्स्क में लाने का एक तरीका भी हो सकता है. यह कारवां तभी संभव और सही होगा, जब रेड क्रॉस इसकी पुष्टि करे."

यूक्रेन की सेना ने विद्रोहियों के गढ़ डोनेट्स्क को घेर लिया है. और वह लुगांस्क को भी घेरने की तैयारी में है. डोनेट्स्क की जनसंख्या 10 लाख है जबकि लुगांस्क में पांच लाख लोग रहते हैं. अगर सेना खुद को वहां मजबूत कर पाती है तो वह विद्रोहियों को यूक्रेनी सीमा पार करने से रोक सकेगी. संघर्ष के इस समय में रूस के मानवीय राहत भेजने पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

एएम/एजेए (एएफपी, रॉयटर्स)