रुचिका मामले में सीबीआई को फटकार
१७ नवम्बर २०१०राठौड़ को 17 साल पहले एक उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी रुचिका को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का दोषी ठहराया जा चुका है. शुक्रवार को राठौड़ को चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल से रिहा किया गया. जेल में डाले जाने के छह महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दे दी. दरअसल सीबीआई ने राठौड़ के खिलाफ तीन में से दो मामलों को बंद करने को कहा.
अब हाई कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर पूछा है कि किस आधार पर उसने दो मामलों को बंद कर दिया. साथ ही यह भी बताने को कहा है कि तीसरे मामले में जांच कहां तक पहुंची है.
अदालत ने हरियाणा सरकार से भी पूछा है कि राठौड़ के खिलाफ छेड़छाड़ के गंभीर आरोप होते हुए क्यों डीजीपी के पद पर उसका प्रमोशन किया गया. सीबीएसई बोर्ड को अदालती नोटिस मिला है जिसमें उससे रुचिका के स्कूल के खिलाफ अगर कोई कार्रवाई की गई है, तो उसका ब्यौरा देने का कहा गया है. स्कूल पर राठौड़ के कहने पर रुचिका को स्कूल से निकालने का आरोप है.
मामलों को बंद करने की रिपोर्ट अंबाला में सीबीआई की अदालत के सामने पेश की गई जिस पर विचार किया जाना बाकी है. सीबीआई अदालत ने गिरहोत्रा को भी नोटिस दिया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः प्रिया एसेलबोर्न