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रिलायंस और जीटीएल के बीच 500 अरब का करार

२७ जून २०१०

रिलायंस कम्युनिकेशन और जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर के बीच 11 अरब डॉलर का करार. दोनों कंपनियां मिलकर दुनिया की सबसे बड़ी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर फर्म बनाएंगी. इससे भारत में मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाओं को नई ऊंचाई मिल सकती है.

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तस्वीर: AP

500 अरब रुपये के करार पर सहमति जताते हुए रिलायंस कम्युनिकेशन और जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर, जीटीएल ने आगामी योजनाओं का भी एलान किया है. जीटील ने अपने बयान में कहा है, ''जीटीएल इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड ने 500 अरब रुपये के करार को सैद्धांतिक मजूंरी दे दी है. इससे दुनिया की सबसे बड़ी स्वतंत्र टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी बनेगी. इस पर किसी टेलीकॉम ऑपरेटर का नियंत्रण या मालिकाना हक नहीं होगा.''

करार के तहत रिलायंस इंफ्राटेल के 50,000 टावर जीटीएल के साथ मिल जाएंगे. इस तरह नई टेलीकॉम फर्म के पास शुरूआत में ही 80,000 टावर होंगे. सवा लाख से ज्यादा तकनीकी एक्सपर्ट होंगे. भारत में मोबाइल फोन सेवाएं देने वाली दस बड़ी कंपनियां इसका फायदा उठा सकेंगी. बयान में कहा गया है कि, ''करार को लेकर पैसे का लेनदेन छह महीने के भीतर हो जाएगा.''

दुनिया में मोबाइल फोन का बाजार भारत में सबसे तेजी से बढ़ रहा है. फिलहाल देश में करीब 60 करोड़ लोग मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं. 2002 में यह संख्या सिर्फ एक करोड़ थी. बाजार की तेजी को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 2013 तक भारत में एक अरब बीस करोड़ लोग मोबाइल फोन इस्तेमाल करेंगे. यानी करीब 90 फीसदी भारतीयों की जेब में मोबाइल फोन रहेंगे.

रिपोर्ट: डीपीए/ओ सिंह

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य