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रिटायरमेंट का सवाल ही नहीं उठताः मनमोहन

२४ मई २०१०

बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन का सातवां साल शुरू हो चुका है लेकिन अपने रिटायरमेंट की बातों को उन्होंने यह कहकर खारिज किया है कि अभी उनका काम खत्म नहीं हुआ है. लेकिन अगर कांग्रेस चाहे तो वह नए नेता के लिए रास्ता तैयार करेंगे.

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कांग्रेस पार्टी का फैसला होगा सिरमाथेः मनमोहनतस्वीर: AP

मनमोहन ने सोमवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेस कर अपनी नई सरकार के एक साल का लेखाजोखा पेश किया. प्रधानमंत्री ने अपने और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बीच अविश्वास की खबरों को यह कहकर खारिज किया कि इनमें जरा भी सच्चाई नहीं है.

मनमोहन सिंह से यह भी पूछा गया कि क्या वह मौजूदा कार्यकाल में राहुल गांधी को अपनी जिम्मेदारी सौंपेंगे या फिर क्या रिटायरमेंट का ख्याल उनके जेहन में आता है. इस पर बेहद सा सधा हुआ जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे यह (प्रधानमंत्री पद की) जिम्मेदारी दी गई है. यह काम अभी अधूरा है. जब तक मैं इस काम को पूरा न कर लूं, रिटायरमेंट का सवाल ही नहीं है."

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कभी कभी वह सोचते हैं कि युवाओं को आगे आना चाहिए. उनके मुताबिक, "जब कभी कांग्रेस पार्टी यह फैसला करेंगी तो मुझे पार्टी की तरफ से चुने व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपते हुए बहुत खुशी होगी." मनमोहन सिंह के मुताबिक राहुल गांधी मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए "बहुत काबिल" हैं, और इस बारे में उनसे कई बात भी हो चुकी है लेकिन राहुल पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं.

75 मिनट तक चली प्रेस कांफ्रेस में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बढ़ती महंगाई, नक्सलवाद, आतंकवाद और पाकिस्तान से रिश्तों से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः प्रिया एसेलबोर्न