राव के लिए पाकिस्तान ने भेजा 'फेस रीडर'
२४ जून २०१०विशेष विमान से रावलपिंडी पहुंची भारतीय विदेश सचिव निरुपमा राव का स्वागत एयरपोर्ट पर फेस रीडिंग के एक्सपर्ट अफरासियाब मेंहदी हाशमी ने किया. प्रोटोकॉल के मुताबिक भारतीय विदेश सचिव को लाने के लिए एयरपोर्ट पर किसी जूनियर अधिकारी को भेजा जाना चाहिए था, लेकिन इस्लामाबाद ने डायरेक्टर जनरल (दक्षिण एशिया) अफरासियाब मेंहदी हाशमी को भेजा. हाशमी किसी व्यक्ति के चेहरे के हाव भावों को देखकर यह बताने के माहिर माने जाते हैं कि सामने वाले के मन में क्या चल रहा है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर यह कभी नहीं माना है कि वह हाशमी की फेस रीडिंग प्रतिभा का सहारा लेता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने माना है कि उन्हें हाशमी की चेहरा पढ़ने की कला के बारे में पता है, लेकिन इस बात से इनकार किया है कि भारत के साथ बातचीत में हाशमी की इस प्रतिभा का इस्तेमाल किया गया. लेकिन सूत्रों का कहना है कि फरवरी में नई दिल्ली में हुई बातचीत के दौरान हाशमी की फेस रीडिंग बड़ी काम आई.
कभी भारत में पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त रह चुके हाशमी को फेस रीडिंग के अलावा तेज दिमाग के लिए भी जाना जाता है. उनके साथी अधिकारी उन्हें एक कुशाग्र बुद्धि और तेज यादाश्त वाला अफसर बताते हैं. एक बार पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत में हाशमी अपनी प्रतिभा का बखान भी कर चुके हैं. एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, ''आदमी के मन में क्या चल रहा है, इसे सामने वाले से छुपाना बहुत मुश्किल होता है.''
साथियों के बीच वह निकट भविष्य की भविष्यवाणी करने के लिए मशहूर हैं. 1988 में एक पाकिस्तानी अधिकारी हाशिमी समेत कुछ अन्य जूनियर अधिकारियों की ब्रीफिंग कर रहा था. उस दौरान सैन्य शासक जिआ उल हक को यूएन महासभा आना था. लेकिन ब्रीफिंग के बीच में हाशमी अचानक बोल पडे़ कि, कल जिया नहीं आएंगे. जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों कहा, तो हाशमी कोई जवाब नहीं दे पाए. अगले दिन संदिग्ध परिस्थियों के जिया की एक विमान हादसे में मौत हो गई.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़