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रग्बी से अपराध नियंत्रण

Abha Mondhe९ अगस्त २०१४

वेनेजुएला में आपराधिक गुटों के पूर्व सदस्य अब रग्बी की टीमों में शामिल हो रहे हैं. इस प्रोजेक्ट का मकसद अपराधों में कमी लाना और इन लोगों को जीवन के बेहतर मौके देना है.

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तस्वीर: DW/R. Hartmann

दस साल पहले तक एल कोन्सेयो नाम का छोटा सा शहर डर में रहता था. वेनेजुएला के आरागुवा प्रांत का यह शहर हथियारबंद अपराधियों का ठिकाना था. वे अपहरण, रेप, हत्या और दूसरे अपराधों में तो लगे ही थे, गुटों की आपसी टक्कर भी आए दिन हुआ करती थी. अब यह जगह मिसाल बनती जा रही है. बता रही है कि किस तरह अपराध से बेहतर खेल है. और खेल ऐसा, जो वेनेजुएला में ज्यादा लोकप्रिय नहीं- रग्बी.

अलबर्तो फोल्मर की जड़ें जर्मनी तक पहुंचती हैं. वह रम बनाते हैं और यहां जो कुछ भी होता है, उसमें उनका अच्छा खासा योगदान होता है. उनके सांता टेरेसा फार्म पर इन दिनों बच्चे अपने तनाव और उग्रता को कम करने की ट्रेनिंग ले रहे हैं. फोल्मर के लिए सम्मान, मृदुभाषी होना और टीम भावना सबसे बड़ी बात है.

Rugby in Venezuela
अपने बच्चों के साथ खोसे ग्रेगोरियोतस्वीर: DW/R. Hartmann

फार्म पर शुरुआत

उन्होंने 2003 में "अलकात्राज रग्बी क्लब" बनाया. यह क्लब तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. इसके 2000 सदस्य हो चुके हैं- बच्चे, प्रौढ़ और जवान. इस सामाजिक काम का फायदा नजर आता है. दस साल पहले एल कोन्सेयो में प्रति एक लाख लोगों में 115 आपराधिक हिंसा के शिकार होते थे. अब यह आंकड़ा घट कर 25 रह गया है. फोल्मर को उम्मीद है कि एक दिन यह आंकड़ा जीरो तक पहुंच जाएगा.

यह प्रोजेक्ट भी डाके की एक घटना से शुरू हुआ. एक रात, खोसे ग्रेगोरियो आरियेटा मोन्टीला और उसके गैंग के लोग सांता टेरेसा फार्म में घुसे. फिर इस जवान अपराधी को पकड़ लिया गया. फोल्मर किसी तरह युवा अपराधी को पुलिस के हाथों से बचाने में कामयाब रहे.

अपराधी नहीं, खिलाड़ी

उन्होंने खोसे को एक मौका दिया कि वह 10 साल जेल में रहने की जगह उनके फार्म पर काम करे. इसके कुछ दिन बाद ही पुलिस ने फोल्मर से पूछा कि क्या वे दूसरे अपराधियों को भी जगह देना चाहते हैं. कभी कट्टर दुश्मन हुआ करते दो गैंग इन दिनों इस फार्म पर एक साथ काम कर रहे हैं. रग्बी के मैदान में वे अपनी ऊर्जा को सही जगह लगाते हैं. फोल्मर का कहना है, "यह काम कर गया. मुझे तो अभी भी ताज्जुब होता है. लेकिन इससे मुझे गर्व भी है."

नीली आंखों वाले लंबे तगड़े अलबर्तो 30 साल से रग्बी खेल रहे हैं. उनका कहना है, "हर कोई खुद को बदल सकता है. आपको बस उनमें विश्वास करने की जरूरत है." फोल्मर ने इस प्रोजेक्ट में 30-50 लाख यूरो लगाए हैं. अब यहां के खिलाड़ी कई लोगों के लिए आदर्श बन चुके हैं.

खोसे ग्रेगोरियो आरियेटा मोन्टीला अपने क्लब का कप्तान है. उसकी जिंदगी बदल चुकी है. वह आईटी एक्सपर्ट के तौर पर काम भी करता है और तीन बच्चों का बाप बन चुका है. उसे अपने ही पुराने जीवन से डर लगता है, "उस वक्त के युवा मेरी तरफ देखते थे और मेरी नकल करते थे- डाका, चोरी, गोलीबारी और यही सब..अब मैं भगवान की दया से उनमें कुछ सकारात्मक भर पा रहा हूं."

Rugby in Venezuela
रग्बी की टीमतस्वीर: DW/R. Hartmann

कैसे कैसे किस्से

उन्होंने कहा, "सच कहूं तो इस टीम के बिना मैं या तो जेल में होता या अब तक मारा गया होता." उनके दो बेटे खोसे एंजेल और विलकिनसन भी क्लब में खेलते हैं. पिता ही उनके कोच हैं. टीम के 35 खिलाड़ियों की चर्चा पूरे देश में होती है. इससे फोल्मर का रम भी प्रसिद्ध हो रही है.

हालांकि फोल्मर को शुरू में इस प्रोजेक्ट पर शक था, "लोगों ने सोचा कि यह अजीब है कि हम अपराधियों की मदद कर रहे हैं. लेकिन उन्हें सड़कों पर खुले छोड़ देना तो और भी खराब होता." उनका कहना है कि आम तौर पर ये खिलाड़ी दोबारा अपराध की दुनिया में नहीं जाते हैं.

वह एक किस्सा सुनाते हैं, "एक जवान लड़का टीम में आया, जिसमें बहुत प्रतिभा थी. उसके बाद वह सड़क पर लौटा और एक शख्स को गोली मार दी." लेकिन फोल्मर बीच में पड़े, तो उसने समर्पण कर दिया. लेकिन ऐसी एकाध घटना से वह विचलित नहीं हुए हैं. वह खेल के महत्व को लेकर निश्चिंत हैं. अब वे वेनेजुएला के मंत्रियों और एंटी ड्रग्स अफसरों के साथ बातचीत कर रहे हैं कि उनके क्लब को कुछ सरकारी मदद मिले. अब तक उन्हें कोई वित्तीय मदद नहीं मिली है.

इन सबसे बेपरवाह फोल्मर सोच चुके हैं कि आने वाले दिनों में टीम में और पैसा लगाएंगे, "अभी तो लंबा रास्ता बाकी है."

रिपोर्टः रॉबिन हार्टमन/अनवर अशरफ

संपादनः ओंकार सिंह जनौटी