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यूरो पर यूरोप में ही तनातनी

१७ जनवरी २०११

आर्थिक हालत जिनकी बेहतर होती है, वे बचत का गुणगान कुछ ज्यादा ही करते हैं. यूरो क्षेत्र के कर्ज संकट के सिलसिले में जर्मनी का कुछ ऐसा ही रुख देखने को मिल रहा है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जोसे मानुएल बारोसो ने कर्ज संकट से निपटने के लिए बने बचाव कोष के लिए और अधिक धन मुहैया कराने का प्रस्ताव दिया था. इस पर टिप्पणी करते हुए जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फगांग शॉएब्ले ने कहा है कि उनके प्रस्ताव से स्थिति और जटिल ही होगी. जर्मन रेडियो के साथ एक साक्षात्कार में वित्त मंत्री ने कहा कि इस तरह के खुदरे प्रस्ताव से स्थिति आसान नहीं होती, बल्कि जटिल ही होती है. जर्मनी के दृष्टिकोण को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी राय में बचाव कोष ईएफएसएफ की धनराशि में वृद्धि पर बातचीत की फिलहाल कोई जरूरत नहीं है.

EU Jose Manuel Barroso zu Defizitabbau in Brüssel
तस्वीर: AP

भारी घाटे का सामना कर रहे यूरो क्षेत्र के देशों की वित्तीय मदद के लिए ईएफएसएफ की स्थापना की गई है. वोल्फगांग शॉएब्ले ने कहा कि मध्यवर्ती क्रम के लिए इसके कार्यक्रम में परिवर्तन के बारे में सोचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि सवाल इसकी धनराशि बढ़ाने का नहीं है, बल्कि इस बात की गारंटी देनी पड़ेगी कि जिस धनराशि पर सहमति प्राप्त की जा चुकी है, मई के महीने तक उसकी व्यवस्था हो.

ईएफएसएफ एक दरम्यानी व्यवस्था है और सन 2013 में वित्तीय मदद की एक स्थाई व्यवस्था की जाएगी. वैसे तो इस कोष में 440 अरब यूरो मौजूद है, लेकिन ब्याज दर और साख बनाए रखने के लिए उसका एक हिस्सा सुरक्षित रहता है और मदद के लिए 250 अरब यूरो बचता है. लेकिन इस कोष के साथ यूरोपीय संघ के अन्य स्रोतों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मदद भी मिलती है, और इस प्रकार 750 अरब यूरो की प्रभावी मदद उपलब्ध कराई जा सकती है. जर्मनी इस कोष में सबसे बड़ा दाता देश है और वह इसमें वृद्धि के प्रस्ताव का लगातार विरोध कर रहा है, क्योंकि उसे ही इसका मुख्य भार उठाना पड़ेगा.

आज कर्ज में डूबे यूरो क्षेत्र के देशों की स्थिति पर विचार करने के लिए संघ के देशों के वित्तमंत्रियों की बैठक हो रही है. बैठक से पहले यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष बारोसो ने कहा है कि अन्य देशों को जर्मनी के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनकी अपेक्षा है कि जर्मन राजनीतिज्ञ यूरोपीय आयोग की भूमिका का आदर करेंगे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उ भट्टाचार्य

संपादन: महेश झा

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