यूरोप में भी सूर्य ग्रहण
४ जनवरी २०११जर्मनी में अगर मौसम ने साथ दिया तो इसके कई हिस्सों में साल 2011 का पहला सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. कुछ शहरों में सूर्य दो तिहाई ढंक जाएगा और इसका सिर्फ एक तिहाई हिस्सा नजर आएगा. फ्रैंकफर्ट और म्यूनिख में ऐसा ही नजारा देखने को मिलेगा, जबकि हैम्बर्ग और बर्लिन में सूर्य एक चौथाई ही नजर आएगा. सुबह लगभग 11 बजे पूरे जर्मनी में सूर्य ग्रहण का नजारा होगा.
भारत की तरह जर्मनी में भी खगोल वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि विशेष चश्मों के बिना सूर्य ग्रहण देखने से आंखों पर खराब असर पड़ेगा और इसे देखने के लिए विशेष चश्मों की मांग बढ़ गई है. इस साल जर्मनी में तीन और बार आंशिक सूर्य ग्रहण लगेगा, एक जून, एक जुलाई और आखिरी बार 25 नवंबर को. हालांकि मध्य यूरोप में इसका नजारा नहीं देखा जा सकेगा.
भारत में राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पंजाब सहित कई इलाकों में सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है. इसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जमा है. भारत में सूर्य ग्रहण के दौरान नदी में स्नान को शुभ माना जाता है और इसके लिए भी लोगों ने तैयारियां कर रखी हैं.
जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चांद आ जाता है, तो सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पातीं और इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. यह एक नैसर्गिक खगोलीय घटना है, जिसे दुनिया भर में धार्मिक आस्था से जोड़ दिया गया है. इसी तरह जब सूर्य और चंद्रमा के बीच धरती आ जाती है, तो उसे चंद्र ग्रहण कहा जाता है. इस साल जून और दिसंबर में दो बार चंद्र ग्रहण भी लगेगा.
भारत और यूरोप के अलावा मध्य पूर्व और अफ्रीका में भी सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है, जबकि आर्कटिक क्षेत्र और कनाडा जैसे इलाकों में भी सूर्य ग्रहण का असर होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः ए कुमार