यूरोप में बढ़ रही है यहूदी विरोधी भावना
१६ सितम्बर २०१४यूरोपियन ज्यूइश कांग्रेस काउंसिल के उपाध्यक्ष विवियन वाइनमन का कहना है कि गाजा में चल रहे युद्ध के कारण यूरोप में यहूदी विरोधी भावना बढ़ गयी है, खासकर ग्रीस, पोलैंड, बुलगारिया और फ्रांस में. बर्लिन में चल रही बैठक में उन्होंने यह मुद्दा उठाया. उन्होंने बताया कि इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच 159 मामले दर्ज किए गए हैं. सबसे ताजा मामला कॉन्फ्रेंस शुरू होने से ठीक पहले का है, जिसमें एक यहूदी स्मारक पर किसी ने नफरत फैलाने वाली ग्राफिटी बना डाली. बर्लिन के जिस होटल में बैठक चल रही है, यह स्मारक उससे ज्यादा दूर नहीं है. पुलिस प्रवक्ता के अनुसार ग्राफिटी में यहूदियों को समाज से बाहर निकालने के बारे में लिखा गया था.
विवियन वाइनमन का कहना है कि भले ही हिंसा के ज्यादा मामले सामने ना आते हों, लेकिन इस तरह से दीवारों पर पेंट कर या फिर सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावनाएं फैलाई जा रही हैं. बैठक में हिस्सा ले रहे फ्रांस के पॉल रिष्टर ने बताया कि पेरिस में स्थिति "बहुत खराब" हो चुकी है. उन्होंने कहा कि उनकी जान पहचान के कई यहूदी किपा (यहूदियों की टोपी) पहन कर बाहर निकलने से डरने लगे हैं.
वाइनमन ने यहूदियों को उदार मुस्लिमों के साथ मिल कर काम करने की सलाह दी. उन्होंने कहा, "हमें मुस्लिम धार्मिक नेताओं से आग्रह करना होगा कि वे यहूदी विरोधी विचारधारा का खंडन करें." उन्होंने ब्रिटेन में 'इस्लामिक स्टेट' के खिलाफ जारी किए गए फतवे का उदाहरण देते हुए कहा कि यहूदियों और मुसलामानों में इसी तरह के सहयोग की जरूरत है.
इससे पहले रविवार को बर्लिन में यहूदी विरोध के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए बड़ी रैली हुई. जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने इस रैली का नेतृत्व किया और कहा कि यहूदी जीवनशैली जर्मनी के अस्तित्व का हिस्सा है और वे सुनिश्चित करना चाहती हैं कि यहूदी जर्मनी में सुरक्षित महसूस करें. राष्ट्रपति योआखिम गाउक भी अन्य मंत्रियों के साथ इस रैली में मौजूद थे.
रिपोर्ट: कॉनराड नाओमी/आईबी
संपादन: महेश झा