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यूरोप में बढ़ाया जाएगा आर्थिक समन्वय

१८ जून २०१०

यूरोपीय संघ की शिखर भेंट में इस बार मुख्य विषय था आर्थिक संकट के लिए संयुक्त रणनीति के रास्ते पर आगे बढ़ना और जी-8 व जी-20 बैठकों की तैयारी. एस्तोनिया को यूरो मुद्रा ज़ोन में शामिल करने का भी निर्णय लिया गया.

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रोम्पुई : बोझ का बेहतर बंटवारातस्वीर: AP

यूरोपीय संघ के नेता हाल ही के बैंक, कर्ज़ व यूरो मुद्रा के संकट से सीख लेना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने तय किया है कि सदस्य देशों के आर्थिक क़दमों को बेहतर ढंग से समन्वित किया जाएगा, स्थिरता व आर्थिक विकास की व्यवस्था मज़बूत की जाएगी. साथ ही बैंकों के लिए एक अधिभार की व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी बैंक के दीवालिया होने की स्थिति में उसे बचाने के लिए अन्य बैंकों को ज़िम्मेदार बनाया जा सके. अगर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी व्यवस्था नहीं हो सकती है, तो फिर भी यूरोपीय संघ के दायरे में इसे लागू किया जाएगा. यूरोपीय संघ की स्थाई परिषद के अध्यक्ष हेरमान फ़ान रोम्पुई का कहना था कि इससे संकट को सुलझाने के लिए बोझ का बेहतर बांटवारा किया जा सकेगा और वित्तीय प्रणाली में स्थिरता आएगी. लेकिन कुछ सवालों पर विवाद बने रहे. मिसाल के तौर पर, आर्थिक सरकार का प्रस्ताव. कई सदस्य देश जानना चाहते थे कि इसका मतलब और मकसद क्या है.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल का कहना था कि सभी देश इस पर सहमत थे कि यूरोपीय संघ के सभी 27 सदस्य देशों के स्तर पर समन्वय को बढ़ाना पड़ेगा. फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी चाहते थे कि यूरो मुद्रा के 16 देशों का पेरिस में एक सचिवालय बनाया जाए, लेकिन उनके इस प्रस्ताव को समर्थन नहीं मिला. राष्ट्रीय बजटों पर यूरोपीय संघ के नियंत्रण को तो बढ़ाया जाएगा, लेकिन राष्ट्रीय बजट का फ़ैसला राष्ट्रीय संसदों में ही किया जाएगा.

यूरोपीय संघ ने बैंकों के लिए तथाकथित स्ट्रेस टेस्ट को सार्वजनिक करने का फ़ैसला किया है, आज यूरो की कीमत पर तुरंत जिसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. स्ट्रेस टेस्ट के तहत इस बात की जांच की जाती है, कि बाज़ार में खलबली या किसी बड़े बैंक के दीवालिया होने पर किस हद तक किसी बैंक पर उसका असर पड़ने वाला है. इस क़दम के ज़रिये वित्त बाज़ार में अधिक पारदर्शिता लाने की और बैंकों के दीवालियापन के बारे में अटकलों को रोकने की कोशिश की जा रही है.

संकट के बावजूद यूरोपीय संघ की मज़बूती और विस्तार की प्रक्रिया जारी है. एस्तोनिया को यूरो मुद्रा के क्षेत्र में शामिल किया जाएगा, आइसलैंड को संघ में शामिल करने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू होगी. इसके अलावा यूरोपीय संघ ने ईरान के ख़िलाफ़ और कड़े प्रतिबंधों की घोषणा की है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: राम यादव