यूरोप पर आतंकी हमले
यूरोप में पिछले सालों में पुलिस चौकसी बढ़ी है. 9/11 के हमलों के बाद यूरोप भी आतंकवाद की चपेट में आता दिखा. तस्वीरों में देखिए कब कब हुए हमले...
पैरिस में चौकसी
इस साल अप्रैल में जब बॉस्टन मैराथन में हमले की खबर आई तो यूरोप भी चौकस हो गया. पैरिस में आइफल टावर के पास सुरक्षा बढ़ा दी गयी. बॉस्टन मैराथन दौड़ की फिनिशिंग लाइन के पास दो धमाके हुए थे, जिनमें तीन लोगों की मौत हुई और 180 लोग घायल हुए.
फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर हमला
2011 में कोसोवो के एक इस्लामी कट्टरपंथी युवक ने अमेरिकी सैनिकों की एक बस पर गोलियां चलाईं. इस हमले में दो सैनिक मारे गए. हमलावर की उम्र 21 साल बताई गई. जर्मनी में यह इस तरह का पहला हमला था.
क्रिसमस पर दहशत
2010 में स्वीडन की राजधानी को एक मानव बम ने दहला दिया. इंग्लैंड का रहने वाला इराकी मूल का एक व्यक्ति काफी तैयारी के साथ स्टॉकहोम के क्रिसमस बाजार में पहुंचा. लेकिन उसके शरीर पर लगे पांच में से एक ही बम ने उसका साथ दिया. उसी वक्त 200 मीटर दूर खड़ी एक कार में भी धमाका हुआ और दो लोग घायल हुए.
एम्सटर्डम से उड़ान
2009 में नाइजीरिया के एक युवक ने शरीर पर लगे बारूद से एक विमान को उड़ाने की कोशिश की. लेकिन यात्रियों ने उसे दबोच लिया और उसकी कोशिश को नाकाम कर दिया. यह विमान नीदरलैंड्स की राजधानी से अमेरिका के ड्रेटॉयट शहर जा रहा था.
9/11 की तर्ज पर
2007 में जर्मनी में तीन इस्लामी आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया. ये लोग 9/11 की तर्ज पर जर्मनी में हमले की योजना बना रहे थे. गुट के चौथे व्यक्ति को तुर्की से गिरफ्तार किया गया. हमलों की योजना बनाने वाला मुख्य आरोपी फ्रिट्स गेलोवित्स जर्मन था.
स्टेशन पर हमला
2006 में जर्मनी के कोलोन रेलवे स्टेशन पर हमले की कोशिश की गयी. सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि दो युवकों ने अलग अलग ट्रेनों में विस्फोटकों से भरे सूटकेस रखे. हालांकि तकनीकी गड़बड़ी के कारण विस्फोट नहीं हो पाये. लेबनान के रहने वाले इन दोनों युवकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी.
लंदन मेट्रो में धमाके
2005 में लंदन की तीन मेट्रो रेलों और एक बस में आत्मघाती हमले हुए, जिनमें 52 लोगों की जान गयी और 150 घायल हुए. चार में से तीन आतंकवादी पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक थे और चौथा जमैका मूल का. इन सबने अपने बैग में बम रखे थे.
मैड्रिड में अल कायदा
2004 में स्पेन की राजधानी में चार ट्रेनों में सिलसिलेवार धमाके हुए. इनमें 191 लोगों की जान गयी और 2,000 से ज्यादा लोग जख्मी हुए. हालांकि बाद में यह बात साफ हो गयी कि हमले अल कायदा से प्रेरित थे, लेकिन उस समय स्पेन की अनुदारवादी सरकार ने बास्क अलगाववादियों को इनके लिए जिम्मेदार ठहराया.
फ्रांस पर निशाना
साल 2000 में अल कायदा ने फ्रांस में भी इसी तरह के हमलों की योजना बनाई थी. लेकिन उस से पहले ही पुलिस ने अल्जीरिया के चार युवकों को धर दबोचा.