यूरोपीय चुनाव में "राजनीतिक भूकंप"
२६ मई २०१४यूरोपीय संसद के चुनाव में फ्रांस की मेरी ली पेन की दक्षिणपंथी नेशनल फ्रंट बड़ी कामयाबी हासिल करता दिख रहा है. पूरे यूरोप में लोगों का झुकाव बचत योजनाओं और बेरोजगारी के खिलाफ दिख रहा है. आधिकारिक नतीजों का इंतजार किए बगैर फ्रांस के प्रधानमंत्री मानुएल वाल्स टेलीविजन पर आए और उन्होंने प्रवासन विरोधी, यूरो विरोधी पार्टी की सफलता को "भूकंप" बता दिया. फ्रांस यूरोपीय संघ के संस्थापक देशों में है.
एक्जिट पोल के मुताबिक जर्मनी में यूरोप समर्थक पार्टियां ही आगे चल रही हैं. जर्मनी संघ का सबसे बड़ा देश है और उसके पास सबसे ज्यादा सांसद हैं. इस बार भी वोटरों की संख्या बहुत कम रही और सिर्फ 43.1 फीसदी लोगों ने यूरोपीय संघ की संसद के लिए मतदान किया.
लोगों का बदला रुख
फ्रांस में विपक्षी ले पेन राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद की पार्टी को तीसरे नंबर पर धकेलती दिख रही हैं. उन्होंने कहा, "लोगों ने जोर से अपनी बात कही है. वे अब हमारी सीमाओं के बाहर के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं चाहते. वे यूरोपीय संघ के बिना चुने कमिश्नरों और टेक्नोक्रैटों की बात नहीं सुनना चाहते." उन्होंने कहा, "वे चाहते हैं कि वैश्वीकरण से उन्हें बचाया जाए."
समझा जाता है कि नेशनल फ्रंट 25 फीसदी से ज्यादा वोट पा सकता है, जो कंजर्वेटिव विपक्षी पार्टी यूएमपी के 21 फीसदी से कहीं ज्यादा है. सोशलिस्टों को सिर्फ 14.5 फीसदी वोट ही मिलते दिख रहे हैं. यूरो विरोधी अलटर्नेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) को इस चुनाव में 6.5 प्रतिशत वोट मिलते दिख रहे हैं. सीडीयू के डाविड मैकएलिस्टर का कहना है, "जर्मनी ने निश्चित तौर पर यूरोप के समर्थन में वोट किया है. यहां ज्यादा संख्या में हुआ मतदान यूरोपीय एकता को दिखाता है."
यूरोप के साथ जर्मनी
जर्मनी में चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू को 36 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. उन्हें पिछले साल देश के चुनाव में 41 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे. उनकी सहयोगी एसपीडी को 27.5 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं.
कुल नतीजों का एलान होने में वक्त लगेगा. लेकिन 751 सीटों वाली यूरोपीय संसद में इस बार यूरोप विरोधी पार्टियों की संख्या बढ़ती दिख रही है. लक्जमबर्ग के पूर्व प्रधानमंत्री जॉं क्लोद युंकर के नेतृत्व वाली मध्य दक्षिणपंथी यूरोपीय पीपल्स पार्टी इस बार 211 सीटें लाती दिख रही है.
यूरोपीय संसद के निवर्तमान अध्यक्ष मार्टिन शुल्ज की मध्य वामपंथी सोशलिस्ट पार्टी दूसरे नंबर पर आ रही है, जिसे 193 सीटें मिल सकती हैं. इन नतीजों का असर यूरोपीय संसद से कहीं ज्यादा 28 सदस्य देशों की अंदरूनी राजनीति पर पड़ सकता है. यहां दक्षिणपंथी शक्तियां एक बार फिर उभार पर दिख रही हैं.
डेनमार्क की प्रवासन विरोधी पीपल्स पार्टी को सबसे ज्यादा 23 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं, जबकि हंगरी में नस्लवादी और यहूदी विरोधी विचारधारा के लिए जानी जाने वाली योबिक दूसरे नंबर पर आती दिख रही है.
संघ से बाहर करने की मुहिम
ब्रिटेन को यूरोपीय संघ से बाहर करने के मिशन में लगी यूके इंडीपेंडेंस पार्टी ने स्थानीय चुनाव में बड़ी कामयाबी हासिल की है और इसके बाद यूरोपीय संघ में भी वह अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही है. ब्रिटेन में अगले साल आम चुनाव होने हैं. लेकिन अपवाद के तौर पर हॉलैंड की इस्लाम विरोधी यूरोस्केप्टिक डच फ्रीडम पार्टी को ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई है.
हालांकि 38.8 करोड़ यूरोपीय नागरिकों के पास मताधिकार है, लेकिन आधिकारिक तौर पर सिर्फ 43.1 प्रतिशत लोगों ने ही वोट दिया, जो 2009 में 43 फीसदी से बस थोड़ा ही ज्यादा है.
वित्तीय मंदी की जड़ ग्रीस में स्थिति अलग है. वहां धुर वामपंथी और बचत योजना की विरोधी सीरिजा मूवमेंट को सबसे ज्यादा 26.7 फीसदी वोट मिल रहे हैं. सत्ताधारी न्यू डेमोक्रेसी को 22.8 प्रतिशत मत मिलते दिख रहे हैं.
एजेए/एएम (रॉयटर्स)