यूपी में दलित बहनों को जिंदा जलाया
२० दिसम्बर २०१०इस वारदात को मुरादाबाद जिले के कोठीवाल नगर में अंजाम दिया गया. पीड़ित परिवार की महिला राजो ने कहा कि लोगों की भीड़ उनके घर के बाहर जमा हुई और मकान को आग लगा दी. राजो किसी तरह भागने में कामयाब रही लेकिन उनकी 20 साल की बेटी मोनू और 22 साल की गीता आग में फंसकर जिंदा जल गईं. एसपी सिटी राहुल यादवेंद्र के मुताबिक, ''एफआईआर दर्ज कर ली गई है. पीड़ितों की मां ने भीड़ में शामिल 12 लोगों की पहचान कर ली है.''
पुलिस के मुताबिक पीड़ित परिवार के बेटे राकेश पर एक दोहरे हत्याकांड का आरोप है. राकेश पर नौ दिसंबर को लूटपाट के इरादे से एक महिला और उसकी 10 साल की बेटी की हत्या करने का आरोप है. राकेश तब से ही फरार है. पुलिस ने राकेश के भाई राजेश को गिरफ्तार किया है.
इस हत्याकांड के बाद कुछ लोगों ने राजो के परिवार को धमकी दी. राजो ने पुलिस से खुद और अपनी दो बेटियों के लिए सुरक्षा मांगी लेकिन नहीं दी गई. मकान समेत दो युवतियों को जिंदा जलाने के बाद भी पुलिस टालमटोल करती रही. शुरू में यूपी पुलिस के डीआईजी यह तक कह गए कि दो बहनों की हत्या नहीं हुई, बल्कि उन्होंने खुदकुशी की. राजो का कहना है कि पुलिस ने पहले एफआईआर दर्ज करने तक से इनकार कर दिया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: महेश झा