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पुतिन और पोरोशेंको में बातचीत

३ सितम्बर २०१४

बढ़ते तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको ने टेलिफोन पर बातचीत की. उधर नाटो शिखरवार्ता से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा इस्टोनिया में पहुंचे हैं.

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तस्वीर: Reuters

इंटरफैक्स समाचार एजेंसी के मुताबिक पुतिन और पोरोशेंको मोटे तौर पर यूक्रेन में शांति लाने के लिए जरूरी कदमों पर सहमत हैं. पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा, "दोनों देशों के राष्ट्रपति गंभीर संकट की स्थिति से बाहर निकलने के संभावित तरीकों पर काफी सहमत हैं."

इसी के साथ ओबामा की इस्टोनिया यात्रा के बारे में रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सितंबर में रूस लंबी दूरी के परमाणु हथियारों के लिए जिम्मेदार स्ट्रैटिजिक मिसाइल फोर्स का अभ्यास करवाएगा. आरआईए समाचार एजेंसी ने इस खबर में कहा गया है कि 4,000 सैनिक, 400 तकनीकी यूनिटें इस अभ्यास में शामिल होंगीं.

उधर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा बुधवार को बाल्टिक देश इस्टोनिया पहुंचे हैं. ओबामा राष्ट्रपति टूमास हेंड्रिक और प्रधानमंत्री तावी रोइवास के साथ ही पड़ोसी देशों के नेताओं से भी मिलेंगे. इनमें लातविया के राष्ट्रपति आंद्रिस बेर्जिन्स और लिथुएनिया के राष्ट्रपति डालिया ग्रिबाउस्काइटे हैं.

पूर्वी सोवियत संघ में रहे ये तीनों देश यूक्रेन की स्थिति पर गंभीरता से नजर रखे हैं और अलगाववादियों को कथित रूसी समर्थन से चिंता में हैं. वेल्स में होने वाली नाटो शिखर वार्ता से पहले ओबामा इस्टोनिया में स्थानीय और अमेरिकी सैनिकों से भी मिलेंगे. ओबामा की यात्रा से पहले व्हाइट हाउस के प्रवक्ता योश अर्नेस्ट ने कहा, "नाटो ने नेतृत्व की भूमिका निभाई है और कई सबूत दिए हैं जो संकेत देते हैं कि रूस ने ऐसे काम किए हैं जो स्वतंत्र यूक्रेन की संप्रुभता का उल्लंघन करते हैं. बड़े देशों का अपने आस पास के छोटे देशों की संप्रभुता को तोड़ना ठीक नहीं है."

Russland Präsident Wladimir Putin in Minsk
तस्वीर: Reuters

नाटो की रैपिड एक्शन फोर्स की योजना पर रूस ने आक्रामक जवाब देते हुए कहा कि वह भी अपने सुरक्षा सिस्टम को मजबूत करेगा.

बाल्टिक देशों में ओबामा की 2009 में राष्ट्रपति बनने के बाद से पहली यात्रा है. कुछ पर्यवेक्षकों को चिंता है कि यूरोप एक बार फिर बड़े संकट के मुहाने पर खड़ा है. वॉशिंगटन में रणनीतिक और अंतरराष्ट्रीय स्ट्डीज सेंटर के हीदर कोनले कहते हैं, "यह बहुत ही नाटकीय दौर है जब यूरोप का सुरक्षा माहौल गड़बड़ाया हुआ है. नौ महीने पहले नाटो ने कभी नहीं सोचा होगा कि उसे उत्तरी यूरोप में मजबूत और साझा रक्षात्मक रुख अपनना होगा. लेकिन आज हम उसी मोड़ पर हैं."

इस्टोनिया के प्रधानमंत्री का मानना है कि रूस के यूक्रेन में जाने यूरोप की सुरक्षा स्थिति एकदम बदल गई है और पश्चिम को दीर्घकालीन रणनीति से इसका जवाब देना चाहिए. फाइनेन्शियल टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा, "यह सिर्फ खराब मौसम का दौर नहीं है, यह जलवायु परिवर्तन है. इसलिए हमारी प्रतिक्रिया भी दीर्घकालीन होनी चाहिए."

एएम/ओएसजे (रॉयटर्स, एएफपी, डीपीए)