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याकूब मेमन की फांसी की सजा बरकरार

२९ जुलाई २०१५

फांसी की तारीख से एक दिन पहले तक भी याकूब मेमन की सजा पर अनिश्चितता बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका खारिज कर दी है. राष्ट्रपति गृह मंत्रालय से परामर्श कर रहे हैं.

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Oberstes Gericht Delhi Indien
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा, पीसी पंत और अमिताभ राय की बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 1993 के मुंबई बम धमाकों में दोषी पाए गए याकूब मेमन की अपील खारिज कर दी. मेमन ने अपील की थी कि डेथ वारंट जारी करने की प्रक्रिया में गलतियां हुईं और सुप्रीम कोर्ट इन पर दोबारा ध्यान दे. अदालत ने कहा कि टाडा की विशेष अदालत द्वारा जारी डेथ वारंट में कोई प्रक्रियागत खामी नहीं है, इसलिए याचिकाकर्ता की अपील खारिज की जाती है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र के गवर्नर ने भी मेमन की दया याचिका को खारिज कर दिया. महाराष्ट्र सरकार के वकील शिवपति पांडेय ने सुनवाई के बाद अदालत परिसर में संवाददाताओं को बताया कि याकूब को कल फांसी दिए जाने या नहीं दिए जाने का मसला कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में है और वही इस पर निर्णय करेगी.

उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट

मेमन ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास एक और याचिका भेजी है. ताजा खबरों के अनुसार राष्ट्रपति गृह मंत्रालय की साथ इस दया याचिका पर विचार विमर्श कर रहे हैं. यदि राष्ट्रपति भी सजा पर रोक नहीं लगाते, तो गुरूवार सुबह सात बजे नागपुर जेल में मेमन को फांसी पर लटकाया जाएगा. इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है.

अयोध्या, काशी और मथुरा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों मे खास चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं. उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक दलजीत चौधरी ने समाचार एजेंसी यूनीवार्ता को बताया कि राज्य के सभी जिला पुलिस प्रमुखों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं और अधिकारियों को गश्त करने के लिए कहा गया है.

आईबी/एमजे (वार्ता)