डेनमार्क के सब समुदाय आतंक के खिलाफ एकजुट
१७ फ़रवरी २०१५राजधानी कोपेनहेगन में इस मेमोरियल रैली के लिए भीड़ वहीं जमा हुई जहां इस वीकेंड पर पहली मुटभेड़ हुई थी. सोमवार रात रैली को संबोधित करते हुए डेनमार्क की प्रधानमंत्री हेले थॉर्निंग-श्मिट ने कहा कि नागरिकों में बसी हुई एक "समुदाय की भावना" से ही देश उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब दे पाएगा जो "हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं."
मारे गए दोनों पीड़ितों में से एक व्यक्ति यहूदी धर्म का मानने वाला था. प्रधानमंत्री श्मिट ने इस बात पर जोर दिया कि डेनमार्क यहूदी समुदाय के साथ है. उन्होंने कहा, "आज मैं सभी डेनिश ज्यूज से कहना चाहती हूं कि आप अकेले नहीं हैं. डेनमार्क के किसी यहूदी पर हमला पूरे डेनमार्क पर हमले जैसा है."
बीते शनिवार 22 साल के बंदूकधारी ने एक कैफे में गोलीबारी कर दी, जहां कला और फ्री स्पीच के विषय पर बहस का आयोजन हुआ था. इस हमले में एक 55 वर्षीय डॉक्यूमेंटरी फिल्म निर्माता फिन नॉयर्गार्ड मारे गए. इसके बाद हमलावर पास के एक सिनागेग पहुंचा और वहां उसकी गोलियों से एक यहूदी सेक्योरिटी गार्ड मारा गया.
बाद में इस हमलावर को पुलिस ने उसी के अपार्टमेंट के बाहर हुई मुटभेड़ में मार गिराया. वह बंदूकों और हिंसा के लिए बदनाम नॉयरेब्रो जिले का रहने वाला था, जहां बहुत ज्यादा प्रवासी आबादी रहती है. पुलिस के अनुसार अब तक इस हमलावर की ठीक ठीक पहचान नहीं हो सकी है, और ना ही उसके किसी आतंकी सेल से जुड़े होने के प्रमाण मिले हैं. हमले में मदद देने के शक में दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. डेनिश मीडिया में मृतक हमलावर की पहचान ओमार आब्देल हामिद अल-हुसैन बताई जा रही है, जिसका संबंध फिलीस्तीन से है.
स्वीडिश पुलिस ने बताया है कि इस आयोजन में अभिव्यक्ति की आजादी विषय पर वक्तव्य देने पहुंचे स्वीडिश कलाकार कार्स विल्क्स को एक गुप्त सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचा दिया गया है. विल्क्स वही कलाकार हैं जिन्हें अपने कार्टूनों में पैगंबर मुहम्मद को लेकर व्यंग्य कसने के कारण जान की धमकी मिली हुई है. आशंका है कि हमलावर उन्हें भी अपनी गोली का निशाना बनाना चाहता था लेकिन वे बच गए.
आरआर/आईबी (डीपीए,एफपी,रॉयटर्स)