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मौत के नाटक ने जान बचाई

३१ जुलाई २०१०

अमेरिका के मशहूर यलोस्टोन नेशनल पार्क के आस पास भालू का आतंक. भालू ने एक व्यक्ति की जान ली और दो को घायल किया. भालू के हमले में बाल बाल बची महिला ने कहा, मैंने मरने का नाटक किया, तब जाकर मेरी जान बची.

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तस्वीर: AP

यलोस्टोन नेशनल पार्क के पास कुछ लोग टेंट लगाकर छुट्टियों का मजा ले रहे थे. लेकिन तभी वहां एक काला भालू आ धमका. एक व्यक्ति ने उसे डराकर भगाने की कोशिश की लेकिन भालू ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया. हमले में उस शख्स की मौत हो गई.

इसके बाद गुस्सैल भालू टेंट को फाड़ता हुआ उसके भीतर घुसा. टेंट में अमेरिका छुट्टियां मनाने की गई लंदन की डेब फ्रीले थीं. भालू ने उन पर भी हमला कर दिया. फ्रीले के मुताबिक, ''मैं चीखी तो भालू ने जोर ने मेरी बांह को काट दिया. मैं फिर जोर से चीखती गई और भालू हमला करता गया. तब मुझे लगा कि मुझे मरने का नाटक करना चाहिए. जैसे ही मैंने मौत का नाटक किया, उसके जबड़े ढीले पड़ने लगे. इसके बाद उसने अपना मुंह हटाया और चला गया.''

हमले में फ्रीले की बांह और गर्दन में चोटें आई हैं. खौफ के उन पलों को याद करती फ्रीले कहती हैं, ''वह आम भालू नहीं था. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरा शिकार कर रहा हो.'' पार्क के अधिकारियों का कहना है कि 1980 के बाद यह भालू का सबसे आक्रामक हमला है. अधिकारियों ने कहा, ''भालू तभी हमला करते हैं जब उन्हें चिढ़ाया जाता है, या फिर आस पास भालू के बच्चे होंगे. जानवरों को लगता है कि उनके बच्चों की सुरक्षा खतरे में है, इसलिए वह हमला कर देते हैं. इस मामले में लगता है कि भालू को चिढ़ाया नहीं गया था.''

हमले की खबरों के बाद यलोस्टोन नेशनल पार्क और उसके आस पास जाने वाले लोगों के लिए चेतावनी जारी कर दी गई है. हमला करने वाले भालू का भी अब तक कोई सुराग नहीं मिला है.

रिपोर्ट:  एपी/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़