मोहाली टेस्ट में भारत 23 रन से पिछड़ा
३ अक्टूबर २०१०सचिन और रैना की शानदार बल्लेबाजी से परेशान ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने 96वें ओवर में गेंद नॉर्थ को थमाई. उनके सामने 98 रन पर खेल रहे तेंदुलकर थे. पहली दो गेंदों पर कोई रन नहीं बना. तीसरी गेंद ऑफ स्टंप पर टप्पा खाती हुई अंदर की ओर आई और सचिन के पैड से टकरा गई. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने पगबाधा की जोरदार अपील की और अंपायर के अंगुली उठाते ही स्टेडियम में सन्नाटा पसर गया.
सिर को ना ना के अंदाज में हिलाते तेंदुलकर मायूस होकर हेलमेट उतारते हुए मैदान से बाहर निकले. सचिन अब तक सबसे ज्यादा बार नर्वस नाइटीज का शिकार हो चुके हैं. इस मैच में भी 90 तक उन्होंने शाही अंदाज में बल्लेबाजी की. लेकिन इसके बाद वह थोड़े असहज दिखे.
सचिन के रूप में भारत का पांचवा विकेट गिरने के बाद विकेटों की झड़ी लग गई. कप्तान धोनी जॉनसन की गेंद पर वाटसन को कैच थमा बैठे. हरभजन सिंह भी ज्यादा देर नहीं टिक सके. काफी देर टिक कर बल्लेबाजी करने वाले सुरेश रैना भी 86 पर आउट हुए. वीवीएस लक्ष्मण 10वें नंबर पर उतरे लेकिन दो रन पर आउट हो गए. उनका विकेट गिरते ही टीम इंडिया की पारी समाप्त हो गई.
इससे पहले भारत के लिए तीसरे दिन की शुरुआत झटेकदार रही. नाइट वाचमैन के तौर पर भेजे गए ईशांत ने पहला सत्र निकाल लिया. लेकिन लंच से पहले बॉलिंगर ने उन्हें बोल्ड कर दिया. ईशांत ने 18 रन जोड़े. इसके बाद एक छोर पर डटे राहुल द्रविड़ का साथ देने तेंदुलकर आए.
दोनों अनुभवी बल्लेबाजों ने महारथियों की तरह मोर्चा संभाला. द्रविड़ से संयम और धैर्य से कवर ड्राइव जड़ जड़कर रन बटोरे. सचिन अपने स्वाभाविक अंदाज में दिखे. द्रविड़ ने 12 चौकों की मदद से 77 रन बनाए. तेंदुलकर और उनके बीच 79 रन की साझेदारी हुई और फॉलोऑन की आशंकाएं टूट गईं.
चाय से पहले द्रविड़ के रूप में भारत का चौथा विकेट गिरा. इस झटके के बाद सचिन का साथ देने सुरेश रैना उतरे. दोनों के बीच 124 रन की अहम साझेदारी हुई.
मोहाली टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 428 रन पर सिमट गई. मेहमान टीम दो दिन के भीतर ही ऑल आउट हो गई. जहीर खान ने पांच और हरभजन सिंह ने तीन विकेट झटके.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ ओ सिंह
संपादन: एमजी