मोजेल नदी की सैर
जर्मनी के खूबसूरत इलाके में बहती है शांत मोजेल नदी. पास में घाटियां, पहाड़ और अंगूर की खेती की बेहतरीन जगह. नाव पर सवार होकर मोजेल के किनारे सैर की बात ही कुछ और है.
क्या नजारा है
राइन नदी में जाने वाली सबसे बड़ी सहायक नदी है मोजेल. यह एक खास जहाजी रास्ता है और इस वजह से नदी में काफी जहाज भी दिखते हैं. नदी किनारे गांव हैं और इस वजह से छोटी नावें भी दिख जाती हैं.
रोमन विरासत
जर्मन शहर ट्रियर कोई 2000 साल पुराना है. पुरातत्वविदों का कहना है कि यहां काफी जमाने पहले लकड़ियों से नदी पर पुल बना है. यहां एक स्याह दरवाजा भी है, जो पर्यटकों को काफी पसंद आता है.
शहर की प्रसिद्धि
बैर्नकास्टेल कूस दरअसल दो शहर हैं, जिनके बीच नदी से बहती है. लेकिन वे एक पुल से जुड़े हैं. घरों में लकड़ियों का काम है और यह 15वीं सदी के मशहूर दर्शनशास्त्री और वैज्ञानिक निकोलाउस फॉन कूस का जन्मस्थल है.
अंगूर की खेती
कहा जाता है कि किसी जमाने में व्यापारियों ने उस बैरल को खरीदा, जिस पर एक बिल्ली बैठी थी और जो अपने पंजे दिखा रही थी. संकेत है कि बिल्ली कमरे की सबसे अच्छी शराब की हिफाजत कर रही थी.
काली बिल्ली
यही वजह है कि आज भी काली बिल्ली छाप शराब बहुत मशहूर है. यह काली बिल्ली पूरे गांव के लिए शुभंकर बन चुकी है.
खेती का समय
पतझड़ का वक्त यहां खेती के लिए मुफीद माना जाता है. दूर दराज के पर्यटक शराब चखने यहां नदी किनारे पहुंचते हैं. यहां की व्हाइट वाइन भी बहुत मशहूर है. पूरा इलाका ही अपनी खूबसूरती और शराब के लिए जाना जाता है.
ढलान वाला खेत
अंगूर को ढलान पर उगाना आसान काम नहीं. यहां यूरोप का सबसे ज्यादा ढलान वाला खेत है, जिसे देखने दूर दराज के लोग पहुंचते हैं. यहां छठी सदी से ही लोग अंगूर उगा रहे हैं.
शांत और सुंदर
भले ही दिन के वक्त यहां सैलानियों और खरीदारों का जमावड़ा हो लेकिन शाम और सुबह ज्यादातर वक्त यह शांत पड़ा रहता है. अगर कुछ आवाज आती है, तो नदी के पानी के बहने की आवाज.
गर्मियों का ठिकाना
करीब 1000 साल पुराना किला सदियों तक सत्ता संघर्ष का प्रतीक बना रहा. 1689 में इसे आग लगा दी गई. बाद में 19वीं सदी में इसे दोबारा तैयार किया गया. अब यह सैलानियों के लिए खास जगह बन गया है.
जर्मन कोना
कोबलेंस शहर में एक किनारे जर्मनी के राज्यों, यूरोपीय संघ और अमेरिका के झंडे लगे हैं. यहीं राइन और मोजेल नदियों का मिलन होता है.