मैर्केल ने की ग्रीस पर शीघ्र फ़ैसले की मांग
२९ अप्रैल २०१०आर्थिक संकट में उलझे ग्रीस के लिए राहत पैकेज पर चल रही बहस में अब जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने शीघ्र फ़ैसले की मांग की है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आईएमएफ़ के प्रमुख डोमीनीक स्ट्राउस-कान से बर्लिन में हुई भेंट के बाद मैर्केल ने कहा, यह साफ है कि वार्ताएं अब तेज़ी से की जानी चाहिए. दोनों ने कहा कि यूरो की स्थिरता दाव पर लगी है.
डोमीनीक स्ट्राउस-कान ने कहा है कि ग्रीस की मदद के लिए यदि जल्दी ही क़दम नहीं उठाए गए तो उसका असर बाकी यूरोपीय देशों पर भी पड़ सकता है.
भारी कर्ज़ में डूबे ग्रीस को 19 मई तक पुरानी देनदारी चुकाने के लिए कम से कम 9 अरब यूरो चाहिए. लेकिन यह काफी नहीं है. कुल मिलाकर उसे 135 अरब डॉलर की ज़रूरत होगी. और चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से पैसा उगाहना उसके लिए अत्यंत मुश्किल हो गया है, इस राशि का इंतजाम यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को करना होगा.
आरंभिक हिचकिचाहट के बाद अब चांसलर मैर्केल को भी समझ में आ गया है कि ग्रीस को आर्थिक सहायता से बचा नहीं जा सकता. जर्मनी की हिचकिचाहट पर सारी दुनिया में हो रही आलोचना के संदर्भ में चांसलर मैर्केल ने कहा, ज़िम्मेदारी से बचा नहीं जाएगा. एसपीडी और ग्रीन पार्टी के अनुसार स्ट्राउस-कान ने अगले तीन वर्षों में ग्रीस को राजकोष को सुदृढ़ बनाने के लिए 120 अरब यूरो की ज़रूरत की बात कही है. इसका अर्थ जर्मनी के लिए 16 अरब का योगदान होगा.
रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड और पूअर ने पहले ग्रीस और पुर्तगाल की रेटिंमग घटाई और अब आज स्पेन की रेटिंग भी डबल ए प्लस से घटाकर डबल ए कर दी है. अब यूरो क्षेत्र की आर्थिक स्थिरता को ख़तरा दिखने लगा है. अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में यूरो की दर पिछले एक साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. उधर ग्रीस के वित्तीय संकट पर अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल से फ़ोन पर चर्चा की है. व्हाइट हाउस का कहना है कि ओबामा ने मैर्केल को फोन किया जिसमें दोनों नेताओं ने ग्रीस को कर्ज़ संकट से निबटने में ठोस मदद पर ज़ोर दिया. दोनों नेताओं ने ग्रीस की आर्थिक दिक्कतों का सामना करने के लिए उसकी दृढ़ कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय संघ से वक्त रहते मदद के महत्व पर चर्चा की.
रिपोर्टः एजेंसियां/महेश झा
संपदानः एम गोपालकृष्णन