मैर्केल के लिए महत्वपूर्ण प्रादेशिक चुनाव
९ मई २०१०नार्थराइन वेस्टफ़ालिया में अब तक केंद्र की तरह सीडीयू और एफ़डीपी की मिलीजुली सरकार है. प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं सीडीयू के युर्गेन रुएटगर्स. मत सर्वेक्षणों के नतीजों के अनुसार सीडीयू और एसपीडी को लगभग बराबर मत मिलने वाले हैं. लेकिन मोर्चे के साझेदार एफ़डीपी की हालत खस्ता है. ग्रीन दल की हालत बेहतर मानी जा रही है. एसपीडी और ग्रीन पार्टी की मिलीजुली ताकत सीडीयू और एफ़डीपी की ताकत से अधिक ही हो सकती है. इसके अलावा विधायिका में वामपंथी पार्टी के आने के भी अच्छे आसार हैं. सर्वेक्षणों के अनुसार उसे पांच प्रतिशत मत मिलने वाले हैं. अगर एसपीडी और ग्रीन बहुमत से दूर रह जाते हैं, नाव में वामपंथी पार्टी को साथ लेने पर बहुमत में कोई संदेह नहीं रह जाएगा.
जर्मनी के पूर्वी प्रदेशों में वामपंथी पार्टी अक्सर प्रादेशिक सरकारों में शामिल हो चुकी है, लेकिन पश्चिमी प्रदेशों में अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. एसपीडी की नेता हन्नेलोरे क्राफ़्ट ने चुनाव से पहले कहा है कि वे वामपंथी पार्टी के साथ सरकार नहीं बनाना चाहती हैं, लेकिन चुनाव के बाद इस सवाल पर विचार किया जाना है. यानी दरवाज़ा थोड़ा सा खुला हुआ है.
भावी सरकार का गठन काफ़ी हद तक ग्रीन पार्टी के रुख़ पर निर्भर करेगा. सिर्फ़ एसपीडी के साथ अगर बहुमत बन जाए, तो कोई समस्या नहीं है. लेकिन क्या वह वामपंथी पार्टी को साथ लेने पर तैयार होगी? ग्रीन पार्टी के अंदर एक धड़ा सीडीयू के साथ जाने के लिए तैयार है. उस हालत में प्रदेश में पहली बार सीडीयू-ग्रीन की सरकार बनेगी.
अगर ये सारे समीकरण नहीं बन पाते हैं, फिर सीडीयू और एसपीडी के बीच महागठबंधन का विकल्प बना रहेगा. जर्मनी में संसद का दूसरा सदन बुंडेसराट प्रदेश सरकारों के प्रतिनिधियों का सदन है. नार्थराइन वेस्टफ़ालिया देश का सबसे बड़ा प्रदेश है, अगर वहां सरकार बदलती है तो बुंडेसराट में सत्तारूढ़ मोर्चे का बहुमत ख़त्म हो जाएगा. संघीय सरकार को अक्सर विपक्ष के साथ सहमति ढूंढ़नी पड़ेगी. इस नज़रिये से भी नार्थराइन वेस्टफ़ालिया के चुनाव परिणाम अगले सालों के दौरान देश की राजनीति पर निर्णायक प्रभाव डाल सकते हैं.
रिपोर्ट: उज्ज्वल भट्टाचार्य
संपादन: मानसी गोपालकृष्णन