मैर्केल का विरोध करने तैयार होकर आते हैं धुर दक्षिणपंथी
३० अगस्त २०१७धुर दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को बिटरफेल्ड वोल्फेन में जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल के स्वागत जबरस्त विरोध के साथ किया. शरणार्थियों के मुद्दे पर उदार रवैया रखने वाली मैर्केल को पूर्वी जर्मनी के शहर में जबर्दस्त नारेबाजी के बीच अपनी बात रखने में काफी मुश्किल हुई. एएफडी समर्थक आमतौर पर मैर्केल की खूब भीड़ जुटाने वाली रैलियों में अपने विरोध का तामझाम लेकर पहुंच जाते हैं. छोटी ही सही लेकिन अलग सुर में गूंजने वाली उनकी आवाज दूर से सुनाई देती है और लोगों का ध्यान खींचती है. इन रैलियों में आमतौर पर मैर्केल की पार्टी के समर्थकों की तादाद ज्यादा है लेकिन बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो फिलहाल तटस्थ हैं या फिर मैर्केल की कुछ नीतियों से खफा. एएफडी की नजर इन्हीं लोगों पर है.
बिटरफेल्प्रड वोल्नफेन के प्रदर्शनकारियों में प्रमुख रूप से दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड यानी एएफडी के समर्थक थे और ऐसा लग रहा था कि वो पूरी तैयारी के साथ आये थे. ना सिर्फ चांसलर के खिलाफ जम कर नारेबाजी हुई बल्कि सीटियां और दुदुंभी बजा कर उनका विरोध किया गया. कुछ प्रदर्शनकारियों ने फुटबॉल के वो लाल कार्ड भी अपने हाथ में ले रखे थे जो रेफरी खिलाड़ियों को मैदान से बाहर भेजने के लिये दिखाते हैं. हालांकि इन सबसे विचलित हुए बगैर मैर्केल ने अपना भाषण पूरा किया. चौथी बार चांसलर की कुर्सी के लिए मतदाताओं से समर्थन मांग रही चांसलर अंगेला मैर्केल ने अपनी योजनाओं का खाका लोगों के सामने रखा. उनके भाषणों पर वहां की भीड़ से थोड़ी थोड़ी देर में तालियों का शोर भी सुनाई देता रहा. कार्यक्रम में आये ज्यादातर लोगों की सहानुभूति मैर्केल के साथ ही थी.
भाषण के दौरान एक ऐसा भी वक्त आया जब लगा कि मैर्केल प्रदर्शनकारियों को सीधी चुनौती देने के मूड में हैं, उस वक्त वो शरणार्थी संकट से निपटने की अपनी नीतियों का ब्यौरा लोगों को दे रहीं थीं और प्रदर्शनकारी इस पर और भड़क रहे थे. मैर्केल ने भीड़ से कहा, "यह हमारे और प्रवासियों के हित में है, हर किसी का अपना धर्म है, अपना इतिहास है...और हम सब अलग अलग हैं." प्रदर्शनकारियों ने मीडिया से बात नहीं की और पत्रकारों के इंटरव्यू करने के अनुरोध को भी ठुकरा दिया.
अब से ठीक दो साल पहले अंगेला मैर्केल ने शरणार्थियों के लिये जर्मनी की सीमायें खोल दी थी और करीब 10 लाख शरणार्थी जर्मनी में आ गये. इसके बाद से ही अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड की लोकप्रियता बढ़ गई है. यह पहली बार नहीं है जब जर्मन चांसलर को विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा हो. खासतौर से साम्यवादी पूर्वी इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें कई बार एएफडी समर्थकों के विरोध का सामना किया है. पश्चिमी जर्मनी में कोलोन के निकट बैर्गिश ग्लाडबाख में भी एएफडी प्रदर्शनकारियों ने चांसलर की चुनाव सभा का इस्तेमाल उनका विरोध करने के लिए किया.
बिटरफेल्ड वोल्फेन सैक्सनी राज्य में है और वहां के 30 फीसदी से ज्यादा लोगों ने पिछले साल प्रांतीय चुनाव में एएफडी को वोट दिया था. चुनावी सर्वे में अंगेला मैर्केल की क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी अपने बावेरियाई सहयोगी दल क्रिश्चियन सोशल यूनियन के साथ बाकी दलों पर बढ़त बनाये हुए है. उन्हें 38 से 40 फीसदी वोट मिलने की बात कही जा रही है. हालांकि सर्वे के नतीजे ये भी बता रहे हैं कि एएफडी दूसरे विश्व युद्ध के बाद संसद में पहुंचने वाली पहली धुर दक्षिणपंथी पार्टी बन सकती है.
अगर एएफडी बुंडेस्टाग यानी संसद में पहुंच गयी तो वो यूरो कर्ज संकट और आप्रवासन की समस्या से मैर्केल के निपटने के तरीकों पर संसदीय जांच कराने की कोशिश करेगी. एएफडी ने मैर्केल को यूरोपीय संघ के नियमों का उल्लंघन करने के लिए कोर्ट में ले जाने की बात कही है. एएफडी के एक समर्थक ने कहा, "मैं सीडीयू का समर्थक रहा हूं लेकिन आज मैं चाहूंगा कि मैर्केल को कोर्ट में देखूं."
इस बीच चांसलर अंगेला मैर्केल ने चुनाव के बाद धुर दक्षिणपंथी या धुर वामपंथी में से किसी के साथ गठबंधन करने से साफ इनकार किया है. मैर्केल की पार्टी मध्यमार्गी एसपीडी की तुलना में करीब दहाई के अंकों में बढ़त बनाये हुए है. मैर्केल ने कहा कि उनके गठबंधन में छोटे दल के रूप में शामिल एसपीडी ने भी दक्षिणपंथी एएफडी के साथ गठबंधन से इनकार किया है. हालांकि एसपीडी ने अभी कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है.
मैर्केल के मुताबिक उन्हें नहीं लगता कि "लाल-लाल-हरा" का गठजोड़ यानी सोशल डेमोक्रैट, लेफ्ट और ग्रीन पार्टियों का गठबंधन जर्मनी को आगे ले जाने में मददगार होगा.
एनआर/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए)