मैकक्रिस्टल वाशिंग्टन तलब, जा सकती है नौकरी
२२ जून २०१०अफ़ग़ानिस्तान में तैनात अमेरिकी और नाटो सैनिकों के सर्वोच्च कमांडर जनरल स्टैनली मैकक्रिस्टल कुछ ज़्यादा ही मुंहफट लगते हैं. एक अमेरिकी पत्रिका से उन्होंने कुछ ऐसी बातें कह दीं, जिनके लिए उन्हें अब पछताना पड़ रहा है और माफ़ी मांगनी पड़ी है. दूसरी ओर, उनकी बातों से यह भी साफ़ हो गया है कि अमेरिका के उच्च अधिकारियों में अफ़गानिस्तान के प्रति रणनीति को लेकर गंभीर मतभेद हैं.
अमेरिकी पत्रिका रॉलिंग स्टोन का नया अंक अभी प्रकाशित भी नहीं हुआ है. तब भी उत्तर अटलांटिक संधि संगठन नाटो के महासचिव और डेनमार्क के पूर्व प्रधानमंत्री अन्देर्स फ़ोग़ रास्मुसन को आगे आ कर जनरल मैकक्रिस्टल का बचाव करना पड़ा. अपने प्रवक्ता के माध्यम से उन्होंने कहा कि "रॉलिंग स्टोन वाला लेख दुर्भाग्यपूर्ण तो है ही, लेकिन वह मात्र एक लेख है. हम इस समय एक बहुत ही वास्तविक लड़ाई के बीच हैं और महासचिव को नाटो के कमांडर के तौर पर जनरल मैकक्रिस्टल और उनकी रणनीति पर पूरा भरोसा है."
रॉलिंग स्टोन के नये अंक में एक लेख छपने जा रहा है, जिसमें जनरल मैकक्रिस्टल को अमेरिका के उप राष्ट्रपति जो बाइडन सहित ओबामा प्रशासन के कई अधिकारियों का मज़ाक उड़ाते हुए उद्धृत किया गया है. उदाहरण के लिए, एक उद्धधरण में मैकक्रिस्टल उप राष्ट्रपति के बारे में कहते हैं, "आप उप राष्ट्रपति बाइडन की बात कर रहे हैं? कौन हैं वो? आपने बाइडन कहा या बाइट मी कहा?"
बाइट मी का अर्थ हुआ, मुझे काटो. जानने वाले जानते हैं कि उपराष्ट्रपति बाइडन अफ़ग़ानिस्तान में और अधिक सैनिक भेजने की जनरल मैकक्रिस्टल की रणनीति के विरोधी रहे हैं.
इसी तरह मैकक्रिस्टल को यह कहते हुए भी उद्धृत किया गया है कि काबुल में अमेरिकी राजदूत कार्ल आइकनबरी ने उनके साथ "ग़द्दारी" की. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जिम जोन्स को उन्होंने शायद 1985 वाले समय में ही भटक रहा जोकर बताया है और अफ़ग़ानिस्तान संबंधी मामलों के विशेष प्रभारी रिचर्ड होल्ब्रुक के लिए भी अप्रिय शब्दों का प्रयोग किया है.
जनरल स्टैनली मैकक्रिस्टल ने इस बीच अपने शब्दों पर खेद प्रकट किया है और पूरी "ईमानदारी से क्षमा" मांगी है. एक वक्तव्य में उन्होंने कहा है कि "इस तरह की बातें कहना एक ग़लती है और ऐसा फिर कभी नहीं होना चाहिये."
रिपोर्ट: एजेंसियां/राम यादव
संपादन: महेश झा