'मैं एक पत्रकार हूं, अपराधी नहीं'
३ मई २०१५मिस्र के फोटो पत्रकार महमूद अबु जैद "शौकन" को 2013 में राजधानी काहिरा के रबा में चल रही कार्रवाई की रिपोर्टिंग करने के दौरान दो अन्य विदेशी पत्रकारों के साथ हिरासत में लिया गया था. बाकी दो विदेशी पत्रकारों को तो बाद में रिहा कर दिया गया लेकिन शौकन अब भी जेल में हैं. पत्रकार महमूद अबु जैद "शौकन" ने जेल से डीडब्ल्यू को यह पत्र लिखा है.
"वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे के मौके पर, मैं मिस्र के उन पत्रकारों की दुर्दशा की बात आप तक पहुंचा रहा हूं, जो इस दिन को जेल की अंधेरी चारदीवारी में मना रहे हैं.
"प्रेस की आजादी" के मायने हमसे कितने दूर मालूम पड़ते हैं, जब मैं खुद 600 दिन से भी अधिक जेल में बिता चुका हूं और मुझे नहीं पता की ये भयावह अनुभव कब खत्म होगा. और यह सब इसलिये हुआ क्योंकि मैं रबा अल-अदाविया प्रोटेस्ट कैंप को तितर बितर किए जाने की घटना को एक फोटो पत्रकार के तौर पर कवर कर रहा था. किसी वजह से मुझे "अपदस्थ राष्ट्रपति मुर्सी का समर्थक" समझ लिया गया.
मेरे देश में पत्रकारिता करना एक अपराध बन गया है, हर तरह से एक अपराध. मुस्लिम ब्रदरहुड के साथ सहानुभूति रखने वाले 13 पत्रकारों को आजीवन कारावास की सजा मिली है और एक दूसरे पत्रकार को मौत की सजा सुनाई गई.
आखिर विश्व के वे सभी नेता कहां हैं जिन्होंने शार्ली ऐब्दॉ के कार्टूनिस्टों की हत्या के विरूद्ध पेरिस में प्रदर्शन किया था, और लगातार यह मांग की थी कि अभिव्यक्ति एवं प्रेस की स्वतंत्रता को हर हाल में बचाया जाए??
मैं बेहद कठिन परिस्थितियों में जेल की एक छोटी सी कोठरी में ऐसे रह रहा हूं जिसे कोई जानवर भी ना सहेगा. मुझ पर तमाम बेबुनियाद झूठे आरोप लग रहे हैं और मुझे गिरफ्तार हुए बाकी विरोध प्रदर्शनकारियों के साथ मिला के देखा जा रहा है.
दुनिया भर के सभी मीडिया और पत्रकारों से मेरी यही मांग और अनुरोध है कि कृपया मेरी मदद कीजिए, मेरे साथ आइए और मिस्र की सरकार पर मुझे आजाद करने का दबाव बनाइए.
मैं एक पत्रकार हूं कोई अपराधी नहीं...मेरी मदद कीजिए!!"
महमूद अबु जैद "शौकन" टाइम पत्रिका, डी त्साइट, बिल्ड, मीडिया ग्रुप और ऑनलाइन फोटो एजेंसी डेमोटिक्स जैसे कई प्रकाशकों के लिए सेवाएं दे चुके हैं. 2013 में शौकन मिस्र की राजधानी काहिरा के रबा स्क्वायर में हुई हिंसक झड़पों की रिपोर्टिंग कर रहे थे, जहां अपदस्थ राष्ट्रपति मुर्सी के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच चल रही मुठभेड़ के दौरान वह गिरफ्तार कर लिए गए. उन पर अब तक आधिकारिक रूप से कोई आरोप तय नहीं हुआ है. लेकिन मामले की सुनवाई से पहले उनकी हिरासत की अवधि को लगातार आगे बढ़ाया जाता रहा है और मुक्त किए जाने की उनकी अपील को खारिज किया जाता रहा है.