चाबाड हाउस फिर खुला
२६ अगस्त २०१४26 नवंबर 2008 को आतंकवादियों ने मुंबई के कई अहम ठिकानों समेत चाबाड हाउस को निशाना बनाया. दक्षिण मुंबई में स्थित चाबाड यानी नरिमन हाउस को आतंकवादियों ने गोली से छलनी कर दिया था. हमले के दौरान आतंकियों ने हाउस के निदेशक रब्बी गावरियल होल्त्सबर्ग और उनकी पत्नी रिव्की की हत्या कर दी. तीन दिन तक चले आतंकवादी हमले में यहूदी दंपति समेत 166 लोग मारे गए थे. आतंकवादियों ने मुंबई के ताज महल होटल, ओबेरॉय होटल, कैफे मोंडेगार और मुंबई के सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर हमला किया था. चाबाड यानी नरिमन हाउस पर भी आतंकवादियों ने गोलियां बरसाई थीं.
रूढ़िवादी चाबाड लुबाविच आंदोलन के अहम सदस्य और केंद्र के पुनर्निर्माण में मदद करने वाले रब्बी मोशे कोटलार्स्की ने एक बयान में कहा, "मुझे लगता है कि यह पूरी दुनिया के लिए संदेश है. आप कठिन से कठिन चुनौतियों से पार पा सकते हैं. आप दोबारा नए सिरे से शुरुआत कर सकते हैं और करना भी चाहिए. यह प्रोजेक्ट उम्मीद की किरण की तरह है कि बुराई की जीत नहीं होगी."
कोलाबा मार्केट की संकरी गलियों से होते हुए चाबाड हाउस तक जाया सकता है. मुंबई में 2003 में आने के बाद होल्त्सबर्ग दंपति ने चाबाड हाउस की स्थापना की थी. इसको बनाने का मकसद मुंबई आने वाले यहूदियों के ठहरने का इंतजाम करना था. हमले के दौरान हाउस में मौजूद छह लोगों को आतंकवादियों ने बंधक बनाया और उसके बाद उनकी हत्या कर दी. तब होल्त्सबर्ग दंपति के दो वर्षीय बेटे को उसकी आया ने बचा लिया था. हमले के बाद से चाबाड लुबाविच आंदोलन शहर में अपना काम विभिन्न अस्थायी इलाकों से करता रहा है.
मंगलवार को एशिया के 25 रब्बी चाबाड हाउस के दोबारा खुलने के मौके पर जमा हो रहे हैं. मरम्मत के बाद खुल रहे इस केंद्र की चौथी और पांचवीं मंजिल में यहूदी म्यूजियम भी खोला जा रहा है. नए सिरे से मरम्मत के बाद चाबाड हाउस में सुरक्षा कमरे, सिनेगॉग, दफ्तर, मेहमानों के लिए कमरे, एक रेस्तरां और एक रसोई है.
इस इमारत की देखरेख का जिम्मा रब्बी इस्राएल कोजलोवस्की और उनकी पत्नी छाया के पास है. कोजलोवस्की कहते हैं, "हम नई इमारत में नहीं जा रहे हैं, हम अपनी असली इमारत में लौट रहे हैं. यहां जो काम पहले होता था उसी काम को दोबारा किया जाएगा और उसे आगे बढ़ाया जाएगा."
मुंबई पर हमला करने 10 आतंकवादी समुद्री रास्ते से मुंबई के तट पर पहुंचे थे जिसके बाद उन्होंने भारत की आर्थिक राजधानी पर सबसे खौफनाक आतंकवादी हमले को अंजाम दिया. हमले में सिर्फ एक आतंकवादी, अजमल कसाब, जीवित पकड़ा गया. उसे 2012 में फांसी पर चढ़ा दिया गया.
एए/एमजी (एएफपी)