मीडिया को चित कर चुनाव जीतने वाले नेता
चुनावी हार जीत में मीडिया की अहम भूमिका रहती है. लेकिन कई बार मीडिया भी चुनावी मैदान में स्थिति को भांप नहीं पाता है. देखिये मीडिया की आलोचना के बावजूद चुनाव जीतने वाले कुछ नेताओं को.
नरेंद्र मोदी
2002 के गुजरात दंगों के बाद भारतीय मीडिया का बड़ा हिस्सा नरेंद्र मोदी के पीछे पड़ गया. 12 साल तक मोदी की खिंचाई होती रही. लेकिन इसके बावजूद 2014 के चुनावों में जनता ने मोदी और उनकी पार्टी बीजेपी को बहुमत दिया.
नेल्सन मंडेला
दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी शासन का अंत होने के बाद जब 1994 में चुनाव हुए तो प्रेस ने नेल्सन मंडेला और उनकी पार्टी एएनसी की खूब आलोचना की. असल में मीडिया का बड़ा हिस्सा अश्वेत लोगों को मिलने वाली ताकत के लिए तैयार नहीं था. मदीबा कहे जाने वाले मंडेला इसके बावजूद जीते. मंडेला ने "व्हाइट ओन्ड मीडिया" की आलोचना भी की.
लेक काचिंस्की
पोलैंड का करीब करीब पूरा मीडिया उनके खिलाफ मुखर रहा, लेकिन इसके बावजूद लेक काचिंस्की की लॉ एंड जस्टिस पार्टी 2005 का चुनाव जीत गई. काचिंस्की प्रधानमंत्री बने. 2010 में एक विमान हादसे में उनकी मौत हो गई, लेकिन अब भी सरकार लॉ एंड जस्टिस पार्टी की ही है.
पार्क ग्वेन-हे
तानाशाह की बेटी, जरा सा विवाद होने पर दक्षिण कोरिया के कई अखबार पार्क ग्वेन-हे पर ऐसा ही तंज करते. उन्हें कुलीन भी बताया गया. मीडिया की आलोचना के बावजूद पार्क ग्वेन-हे 2013 का चुनाव जीतीं और दक्षिण कोरिया की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं.
जोको वीडोडो
मीडिया और सोशल मीडिया के एक धड़े की लगातार आलोचना के बावजूद जोकोवी के नाम से विख्यात जोको वीडोडो 2014 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति बने. ड्रग्स को लेकर उनके कड़े रुख का काफी विरोध हुआ, लेकिन जनता ने जोकोवी को जिम्मेदारी सौंपी.
रेचप तैयप एर्दोवान
मुख्यधारा मीडिया और सोशल मीडिया के भारी विरोध के बावजूद रेचप तैयप एर्दोवान तुर्की में अपनी सत्ता बचाने और उसे लगातार पुख्ता बनाने में सफल रहे. 2014 में वह राष्ट्रपति चुनाव भी जीते और देश में राष्ट्रपति प्रणाली लाने की राह पक्की की.
जैकब जूमा
2009 में पहली बार दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बनने वाले जैकब जुमा कार्यकाल के अंत तक पहुंचते पहुंचते विवादों के लिए मशहूर हो गए. महिलाओं के बारे में भद्दी टिप्पणी, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के लिए सुर्खियों में रहने के बावजूद वह 2014 में फिर राष्ट्रपति चुने गए.
डॉनल्ड ट्रंप
विवादित और बेबाक बयान देने वाले डॉनल्ड ट्रंप के पीछे तो अमेरिका ही नहीं बल्कि कई देशों का मीडिया पड़ा. ट्रंप का आरोप है कि उनके खिलाफ लगातार नकारात्मक खबरें छापी और दिखाईं गईं. लेकिन इसके बावजूद ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव जीते.