मासूमों के शिकार से भरती जेबें
खतरे में पड़े शेर, हाथी और गैंडे मारने वाले गिरोह न केवल संगठित हैं. बल्कि इनके जरिए पैसा ऐसे लोगों तक पहुंचता है जो गैर कानूनी और खतरनाक धंधों में लगे हुए हैं.
अवैध व्यापार
संरक्षण ग्रुपों ने पाया है कि हाल के सालों में हाथीदांत और गैंडों के सींग के अवैध व्यापार में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. प्रकृति संरक्षण के लिए बनाए गए अंतरराष्ट्रीय संघ आईयूसीएन के मुताबिक दुनिया भर में 2007 से अभी तक हाथीदांत की तस्करी दुगनी हो गई है. सिर्फ 2011 में ही 17000 अफ्रीकी हाथी मार दिए गए.
गैंडों को खतरा
सींगों के लिए जान से हाथ धोने वाले गैंडों पर खतरा और गंभीर हो गया है. डबल्यूडबल्यूएफ की जर्मन शाखा के मुताबिक एक दशक पहले तक साल भर में करीब 12 गैंडे मारे जाते थे लेकिन इन सालों में ये संख्या बढ़कर 700 हो गई है.
खतरा
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने सुरक्षा परिषद से कहा है कि आधुनिक हथियारों से लैस शिकारी मध्य अफ्रीका के लिए बड़ा खतरा हैं. यूएन प्रमुख ने अफ्रीकी सरकारों से अपील की है वह हाथियों, गैंडों, शेरों के अवैध शिकार को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने.
विद्रोही गुटों का संघर्ष
विशेषज्ञों का मानना है कि अवैध तस्करी में हथियारबद्ध विद्रोही गुटों का शामिल होना गंभीर चिंता का मुद्दा है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने अपनी रिपोर्ट में युगांडा की लॉर्ड रेसिस्टेंस आर्मी का हवाला देते हुए कहा कि ये हाथीदांत बेच कर हथियार खरीदती है. और बाकी आपराधिक कार्रवाइयों को अंजाम देती है.
भारी शिकार
भारी हथियारों से लैस गुटों के इसमें शामिल होने के कारण अवैध शिकार बहुत बढ़ गया है. इस साल मार्च के दौरान चैड में आपराधिक गैंग ने एक ही हफ्ते में 86 हाथियों को मशीन गन से मार दिया.
राजनीतिक अस्थिरता के कारण
मध्य अफ्रीका में अवैध शिकार बढ़ा है. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक गैंग और आपराधिक गुट इलाके में राजनीतिक अस्थिरता का फायदा उठा रहे हैं. अफ्रीका के कैमरून, चैड, गैबोन भारी अस्थिरता से जूझ रहे हैं.
कैसा धंधा
अवैध हाथीदांत और शेर की त्वचा बिचौलिए बेचते हैं. फिर इसे केन्या, तंजानिया और मोजांबिक भेजा जाता है. यहां से ये पूर्व और दक्षिण पूर्वी एशिया में जहाज से भेजे जाते हैं. फिलीपीन्स और वियतनाम से होकर ये अवैध माल आगे जाता है.
चीन में
अधिकतर अवैध हाथीदांत चीन पहुंचता है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा हाथीदांत बाजार कहा जाता है. वैश्विक स्तर की 70 फीसदी मांग चीन पूरी करता है. यहां हाथी दांत पर नक्काशी की जाती है, इनकी मूर्तियां बनती हैं, गहने और उपहार भी.