मां खाए मछली ज्यादा तो बच्चे हों मोटे
१६ फ़रवरी २०१६अमेरिकी मेडिकल एसोसिएशन की पत्रिका में प्रकाशित स्टडी के अनुसार जो महिलाएं गर्भ के दौरान हर हफ्ते इससे ज्यादा मछली खाती हैं उनके बच्चों में मोटापे का खतरा उन बच्चों से ज्यादा होता है जिनकी मांएं कम मछली खा रही थीं. इस स्टडी में मछली के ज्यादा सेवन और बच्चे के तेज विकास की संभावना में संबंध पाया गया है. लेकिन रिसर्चरों ने चेतावनी दी है कि उन्होंने कारण और प्रभाव साबित नहीं किया है. गर्भवती महिलाएं अक्सर इस बात पर चिंतित रहती हैं कि वे कितनी मछली खाएं क्योंकि ये भ्रूण में दिमाग के विकास के लिए अच्छा है लेकिन इसमें पारा जैसे प्रदूषक भी होते हैं जो अजन्मे बच्चे को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
रिसर्चरों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं के मछली के सेवन और शोध की जरूरत है और फिलहाल यह सोचना अटकल लगाना होगा कि मछली जनित प्रदूषक तत्व इसमें कोई भूमिका निभाते हैं. क्रेट यूनिवर्सिटी की लेडा चात्सी के नेतृत्व में हुई स्टडी के लिए यूरोप और अमेरिका में हुए शोध के 26,000 गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के डाटा का अध्ययन किया गया है. मां के मछली खाने और बच्चों के मोटापे के बीच संबंध जानने के लिए रिसर्चरों ने महिलाओं द्वारा दी गई सूचना पर भरोसा किया है कि हफ्ते में उन्होंने गर्भावस्था के दौरान कितनी मछली खाई और उनके बच्चों पर छह साल की उम्र तक नजर रखी.
महिलाओं द्वारा हर हफ्ते मछलियों के सेवन की मात्रा बेल्जियम में सलाह से 0.5 गुना थी तो स्पेन में 4.45 गुना. स्टडी के मुताबिक ज्यादा सेवन का मतलब था हफ्ते में तीन बार से ज्यादा खाना. अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और इंवायरनमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी गर्भवती महिलाओं को सप्ताह में तीन बार मछली खाने की सलाह देते हैं. स्टडी में कहा गया है, "जिन महिलाओं ने गर्भावस्था में हफ्ते में तीन बार से ज्यादा मछली खाई उनके बच्चों की बीएमआई दो, चार और छह साल की उम्र में उन बच्चों से ज्यादा था जिनकी मांओं ने कम मछली खाई."
स्टडी के मुताबिक मां के ज्यादा मछली खाने का बच्चों पर असर लड़कों के मुकाबले लड़कियों में अधिक पाया गया. रिसर्चरों ने इस बात का पता नहीं किया कि गर्भवती महिलाओं ने किस तरह की मछलियों का सेवन किया और न ही उन्होंने मछलियों में पारे की मात्रा का पता लगाया. गर्भवती महिलाओं के लिए रिसर्चरों की संदेश यह है कि वे सलाह के मुताबिक हफ्ते में तीन बार ही मछली खाएं, उससे ज्यादा नहीं.
एमजे/ओएसजे (एएफपी)