महिलाओं पर एसिड हमले जारी हैं
भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और कंबोडिया सहित कई एशियाई देशों में महिलाओं पर एसिड से हमला करने का घिनौना अपराध जारी है. सरकारी कोशिशों के अलावा मानसिकता में बदलाव होना सबसे जरूरी है, तभी ये रुक सकता है.
लक्ष्मी की ताकत
महिलाओं पर होने वाले एसिड हमलों के खिलाफ अभियान छेड़ने वाली लक्ष्मी को अमेरिका में उनके काम के लिए सम्मानित किया गया. प्रथम अमेरिकी महिला मिशेल ओबामा ने उन्हें 'इंटरनेशनल विमेन ऑफ करेज' अवॉर्ड दिया.
बदलाव की उम्मीद
अवॉर्ड समारोह में लक्ष्मी ने अपनी भावनाएं कविता के जरिए उकेरीं और कहा कि ये सम्मान मिलने के बाद उन्हें भारत में बदलाव की उम्मीद है. वो मानती हैं कि शायद दूसरी लड़कियां सोचें कि वे भी लड़ाई में शामिल हो सकती हैं.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
लक्ष्मी की अपील के बाद भारत की सर्वोच्च अदालत ने सरकार को हुक्म दिया है कि वो एसिड के कारोबार को नियमों में बांधें. महिलाओं पर हमले के लिए एसिड का दुरुपयोग किया जाता है. भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में अकसर महिला से बदला लेने के लिए पुरुष ये हमले करते हैं.
जब तक है जज्बा
भारत में एसिड हमले की शिकार महिलाओं में जीवन का जज्बा जगाने की कोशिश की जा रही है. उनके पुनर्वसन की भी कोशिश है. लक्ष्मी चाहती हैं कि इस तरह के अपराधों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए.
मदद
पाकिस्तान की शरमीन ओबैद चिनॉय की एसिड हमलों के पीड़ितों पर बनाई फिल्म को 2012 में ऑस्कर दिया गया था. लेकिन इसके बाद ये पीड़ित और घबरा गईं कि अब उनसे बदला लिया जा सकता है.
हजारों शिकार
पाकिस्तान में हर साल हजारों लोग तेजाब हमलों का शिकार बनते हैं. इनमें 60 फीसदी महिलाएं हैं. पाकिस्तान में एसिड सर्वाइवर्स फाउंडेशन के मुताबिक 2012 में 7,516 लोग ऐसे हमलों का शिकार बने.
एशिया में
महिलाओं पर एसिड हमलों के मामले में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देश खासे बदनाम हैं. लेकिन कंबोडिया में भी इस तरह के अपराध होते हैं.
अंतहीन दर्द
एसिड हमले के शिकार लोगों का जीवन बहुत मुश्किल हो जाता है. उनका चेहरा और गला जल जाता है और इसे ठीक करने के लिए फिर बार बार कॉस्मेटिक सर्जरी करनी पड़ती है, जो मध्यवर्ग के लिए बहुत खर्चीली साबित होती है.