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केरल में शी टैक्सी

१६ मई २०१४

भारत महिलाओं के लिए दुनिया के सबसे असुरक्षित देशों में गिना जाता है. टैक्सी में अकेले सफर करना खतरे से खाली नहीं. इसी को ध्यान में रखते हुए केरल में 'शी टैक्सी' लोकप्रिय हो रही है.

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तस्वीर: Jürgen Fälchle - Fotolia

टैक्सी या ऑटो रिक्शा में चढ़ने से पहले उसका नंबर नोट करना और किसी दोस्त या रिश्तेदार को मेसेज कर देना, भारत की लगभग हर महिला इस अनुभव को जानती है. खास कर कामकाजी और कॉलेज जाने वाली युवतियां. अंधेरा होने के बाद अगर अकेले ही टैक्सी ड्राइवर के साथ सफर करना हो, तो डर पीछा ही नहीं छोड़ता. लेकिन केरल की महिलाओं का अनुभव अब बदल रहा है.

केरल में महिलाओं के लिए शुरु की गई अपनी तरह की टैक्सी सेवा 'शी टैक्सी' की लोकप्रियता निरंतर बढ़ रही है. सिर्फ पांच महीने में उसने 15 लाख रुपये से अधिक की कमाई कर ली है. राज्य सरकार की मदद से 24 घंटे सेवा देने वाली इस शी टैक्सी को शहर और शहर से बाहर जाने के लिए महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जा रहा है. इसीलिए इसकी मांग लगातार बढ़ रही है.

एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार यह 'महिलाओं के लिए और महिलाओं के द्वारा संचालित सेवा' है. इसे पिछले साल नवंबर में तिरुवनंतपुरम से शुरु किया गया. पांच कारों के साथ शुरु की गई इस सेवा में आज गाड़ियों की संख्या बढ़कर बीस हो गई है. उस दौरान इन टैक्सियों में नौ हजार से अधिक महिला यात्रियों ने सफर किया है.

केरल के सामाजिक न्याय मंत्री एमके मुनीर ने बताया कि पिछले छह महीनों में इस परियोजना ने लोकप्रियता और आमदनी दोनों क्षेत्रों में आश्चर्यजनक प्रगति की है.

आईबी/एमजे (वार्ता)