मरने से पहले यहां आएं
वसंत शुरू होते ही बॉन की गलियों में गुलाबी चेरी ब्लॉसम देख कर पद्माकर की पंक्तियां ही याद आती हैं, कूलन में, केलिन में, कछारिन में, कूंजन में, क्यारिन में कलित कलीन किलकंत है...
आहा इफेक्ट
बॉन का पुराना शहर हर वसंत में ऐसा ही गुलाबी होता है. गुलाबी गुच्छों से ढंकी गलियों में पर्यटकों और स्थानीय लोगों की भीड़ होती है.
रंगों का धमाका
छोटी गुलाबी कलियों के साथ शुरू हुआ वसंत, हवा के साथ गलियों में फैल जाता है. जैसे ही ये फूल खिलते हैं शहर की गलियों में गुलाबी बहार आ जाती है.
30 साल से
बॉन के पुराने शहर में दो सड़कें हैं जो इस मौसम में चेरी ब्लॉसम के फूलों से पटी रहती हैं, ये हैं ब्राइटेश्त्रासे और हेरश्त्रासे. 1984 में यहां जापानी साकुरा यानि चेली ब्लॉसम के पेड़ लगाए गए थे.
जरूर देखें
बॉन के पुराने शहर यानी आल्डश्टाट को कई टूरिस्ट गाइडों में चिह्नित किया गया है और लिखा गया है कि मौत से पहले एक बार इस गली में जरूर आएं. ये गलियां फोटोग्राफरों का स्वर्ग हैं.
नश्वर
इस सुंदर दृश्य को देखकर पद्माकर की पंक्तियां याद आती हैं. कहै पद्माकर परागन में पानहूं में, पानन में पीक में पलाशन पगंत है. वीथिन में ब्रज में नवेलिन में वेलिन में, बतन में बागन में बगरो वसन्त है.
रचनात्मक
कई कैफे, गैलेरियों वाली ये संकरी सड़क बॉन के दिल में बसती है और यहां कई घर भी हैं. वैसे तो साल भर ये हिस्सा खूबसूरत रहता है लेकिन चेरी ब्लॉसम इसमें चार चांद लगा देता है.
रात को
सूरज ढलने के बाद इसकी रौनक अलग छटा ले लेती है. स्ट्रीट लैंप और घरों की लाइटों के कारण इसका रंग ही बदल जाता है.
सपनीला
सिर्फ 10 दिन चलने वाले इस चेरी ब्लॉसम के मौसम में फूलों का भार टहनियां संभाल ही नहीं पाती और गिरने लगती हैं. पंखुड़ियों से रास्ते पट जाते हैं, मानों हर चलने वाले का स्वागत हो रहा हो.