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मरने का अधिकार कानून

७ जून २०१४

कनाडा के क्यूबेक प्रांत ने एक ऐसा कानून अपनाया है जो गंभीर रूप से बीमार मरीजों को डॉक्टर की मदद से खुद को मारने का अधिकार देता है. यह देश का पहला ऐसा प्रांत बन गया है जो प्रभावी ढंग से आत्महत्या में मदद को वैध बनाता है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

इस कदम के साथ ही कनाडा की राजधानी ओटावा का क्यूबेक के साथ कानूनी झगड़े का मंच तैयार होता नजर आ रहा है क्योंकि देश का संघीय आपराधिक कानून इच्छामृत्यु चाहने वाले मरीजों की सहमति के बावजूद इसकी इजाजत नहीं देता है. विरोधियों का कहना है कि इससे डॉक्टरों की देखरेख में विश्वास कमजोर होगा. लेकिन एक ओर ऐसी मांग भी बढ़ रही है कि जो लोग पीड़ित हैं उन्हें इच्छामृत्यु पर ज्यादा नियंत्रण होना चाहिए.

इस कानून को बनाए रखने के लिए अपेक्षित है कि क्यूबेक यह दलील देगा कि यह स्वास्थ्य का मुद्दा है जो उसके अधिकार क्षेत्र में आता है और ना की यह आपराधिक मामला है. क्यूबेक सरकार के प्रमुख फिलिप कुलार्ड ने इस विधेयक का बचाव किया है. उनका कहना है कि यह विधेयक जीवन की देखभाल की समाप्ति को संबोधित करता है और यह "इच्छामृत्यु नहीं" है.

फ्रेंच बोलने वाले इस प्रांत के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस कानून के बारे में पिछले साल जानकारी सार्वजनिक की गई थी कि क्यूबेक अपने लोगों को अपने अंतिम दिनों का सामना अधिक शांत तरीके और अपनी इच्छा के अनुसार करने की इजाजत देगा. लेकिन आलोचकों ने, जिनमें डॉक्टर, दार्शनिक, नैतिकतावादी, वकील और पादरी शामिल हैं, चेतावनी दी है कि इस वजह से कानून का गलत इस्तेमाल होगा और गैरजरूरी मौतें होंगी.

यह विकल्प केवल क्यूबेक के वयस्क नागरिकों को उपलब्ध है और जो लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं. अमेरिका के राज्यों मोंटाना, ओरेगन, वेरमॉन्ट और वॉशिंगटन में भी ऐसा ही कानून है. कनाडा के अन्य भागों में मरने का अधिकार बहस का बड़ा मुद्दा है.

एए/एमजे (एएफपी)