मन मोहते पोलर बियर
जर्मनी में कुछ साल पहले क्नूट नाम के पोलर बियर ने खूब सुर्खियां बटोरी. सफेद रंग के खिलौने की तरह दिखने वाला क्नूट जब खत्म हुआ तो बहुत से जर्मन मायूस हो गए. अब एक बार फिर उसकी याद ताजा हो गई है.
नए भालू का स्वागत
जर्मनी के हेलाब्राउन चिड़ियाघर में एक नर और एक मादा ध्रुवीय भालुओं का जन्म हुआ है. हालांकि अभी तक इन्हें नाम नहीं मिले हैं लेकिन ये सुर्खियों में जरूर हैं.
चिड़ियाघर का आकर्षण
जुड़वा भालुओं का यह जोड़ा अब 15 हफ्ते का हो चुका है. अखबार और टीवी में इनकी तस्वीरों को देख म्यूनिख के लोग इनसे मिलने चिड़ियाघर पहुंच रहे हैं लेकिन अभी इसकी अनुमति नहीं है.
खूब देखभाल
दिसंबर में जन्मे इन पोलर बियर का खूब ध्यान रखा जा रहा है. पशुओं के लिए काम करने वाले संगठन पेटा का कहना है कि कैद में पैदा हुए 61 फीसदी ध्रुवीय भालू बचपन में ही मर जाते हैं.
मीडिया का ध्यान
इन्हें जब पहली बार मीडिया के सामने लाया गया तो करीब 90 मीडियाकर्मी कैमरे ले कर इनकी हर हरकत को रिकॉर्ड करने म्यूनिख पहुंचे. बर्लिन के चिड़ियाघर में रह चुकी मां जियोवाना को तो पहले से ही मीडिया की आदत है.
क्नूट की साथी
जियोवाना 2009 से 2010 तक क्नूट की साथी रहीं. लेकिन इन दोनों की कभी संतान नहीं हुई.
दीवानगी
दिसंबर 2006 में बर्लिन चिड़ियाघर में क्नूट नाम के पोलर बियर का जन्म हुआ. 30 साल में पहली बार वहां एक ध्रुवीय भालू जन्मा था. क्नूट को ले कर दीवानगी कुछ ऐसी थी कि दुनिया भर से लोग उसे देखने के लिए बर्लिन आते थे.
दुखद अंत
लेकिन क्नूट का जादू कुछ ही साल चल सका. मार्च 2011 में अचानक उसकी मौत हो गई. उसके दिमाग में चोट आई थी. बर्लिन चिड़ियाघर ने उसके दिमाग की एमआरआई को संभाल कर रखा है.
क्नूट की याद में
क्नूट की तस्वीर के साथ टीशर्ट, मग, टोपी और डाक टिकट जैसी चीजें तो बनी ही, बर्लिन में उसका स्मारक भी बनाया गया.