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मनमोहन ने संसद में मोदी को लिया आड़े हाथ

अशोक कुमार
२४ नवम्बर २०१६

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर मौजूदा मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने राज्यसभा में इसे प्रबंधन की मिसाली विफलता बताया. जब उन्होंने यह बात कही, तो प्रधामंत्री मोदी भी सदन में मौजूद थे.

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Indiens Premierminister Manmohan Singh am 3.1.2014
तस्वीर: Reuters

भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने के लिए 8 नवंबर को मोदी सरकार ने 500 और 100 रुपये के नोट बंद दिए. लेकिन इससे आम लोगों को कई तरह की परेशानियां हो रही हैं. मनमोहन सिंह ने कहा, "इन उद्देश्यों से मेरी कोई असहमति नहीं है. लेकिन एक ऐसा कुप्रबंधन हमारे सामने है जिसकी मिसाल दी जाएगी और इस बात को लेकर देश में कोई दोराय नहीं है.”

जाने-माने अर्थशास्त्री रहे मनमोहन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में अपनी पार्टी कांग्रेस की तरफ से नोटबंदी पर बहस की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि वह यह तो नहीं कह सकते कि सरकार के नोटबंदी के फैसले का अंततः क्या नतीजा निकलेगा, लेकिन इससे देश की कृषि और आर्थिक वृद्धि पर जरूर बुरा असर होगा.

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प्रधानमंत्री मोदी नोटबंदी के बचाव में कह चुके हैं कि इससे आगे चलकर देश को फायदा होगा और यह भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक लगाने के लिए जनता के हित में लिया गया फैसला है. पिछले हफ्ते संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने के बाद से विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जमकर हमला कर रही हैं. विपक्ष इस बारे में प्रधानमंत्री के बयान की मांग कर रहा है, हालांकि अभी तक सरकार का यही कहना है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली इस बारे में सरकार का पक्ष रखेंगे.

सरकार का कहना है कि पुराने नोटों के रूप में बैंकों में 88 अरब डॉलर की राशि जमा की गई है और नए नोट बैंकों को भेजे जा रहे हैं. लेकिन बैंकों और एटीएम मशीनों के सामने लंबी कतारें साफ करती हैं कि स्थिति को सामान्य होने में अभी समय लगेगा.

दूसरी तरफ, वित्तीय अखबार मिंट की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय अर्थव्यस्था को लेकर पैदा आशंकाओं को देखते हुए विदेशी निवेशक भाग रहे है. रुपया जहां एक तरफ डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर के करीब जा पहुंचा है, वहीं अगले महीने अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की तरफ से दरें बढ़ाए की संभावना ने उनकी चिंता बढ़ा दी है.

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