मध्य पूर्व में पोप
ईसाइयों, मुसलमानों और यहूदियों के बीच भाईचारे का संदेश देने के लिए पोप फ्रांसिस ने तीन दिनों का मध्य पूर्व दौरा किया.
यीशु का जन्मस्थान
येरूशलेम में 'चर्च ऑफ ऑल नेशंस' में पोप ने भाषण दिया. इसके बाद उन्होंने उस इलाके का दौरा किया जहां इस्राएल और फलीस्तीन के बीच विवाद भड़कते रहे हैं.
लास्ट सपर
इस दौरान पोप ने कैनेकल में प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया. माना जाता है कि सूली पर चढ़ाए जाने से पहले यीशु ने आखिरी बार अपने अनुयायियों के साथ यहीं खाना खाया था.
होलोकॉस्ट मेमोरियल
इस्राएल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के अनुरोध पर पोप फ्रांसिस नाजी काल में यहूदियों पर हुई त्रासदी के याद में बने स्मारक याद वाशेम पर भी पहुंचे.
भावुक पोप
येरूशलेम के पुराने शहर को यहूदियों का पवित्र स्थल माना जाता है. यहूदियों के सबसे पवित्र माने जाने वाले सिनागॉग की 'वेस्टर्न वॉल' के पवित्र पत्थरों को छूते पोप फ्रांसिस.
रब्बी के साथ
वेस्टर्न वॉल पर प्रार्थना के दौरान पोप फ्रांसिस के साथ रब्बी अब्राहम स्कोरका और इस्लाम विद्या के प्रोफेसर ओमर आबूद भी मौजूद थे.
प्यार का संदेश
'चर्च ऑफ द होली सेपुलकर' में पोप फ्रांसिस का स्वागत करते पैट्रियार्च बैर्थोलोमेव. पोप ने इस्राएल और फलीस्तीन के राष्ट्रपतियों को वैटिकन आने का न्योता भी दिया है.
जॉर्डन में
येरूशलेम से पहले पोप जॉर्डन पहुंचे. वहां उन्होंने अम्मान स्टेडियम में एक प्रार्थना सभा की. उन्होंने कहा कि उनका तीन दिन का दौरा नेताओं को शांतिवार्ता के लिए प्रेरित करेगा.
सीरिया में शांति के लिए
जॉर्डन में उन्होंने सीरिया में तीन साल से चल रहे गृह युद्ध को खत्म करने का अनुरोध किया.