मदनी की याचिका पर फैसला सुरक्षित
१९ अगस्त २०१०मदनी को हाल ही में बैंगलोर बम धमाके के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. कर्नाटक हाई कोर्ट में जस्टिस सुभाष बी अदी की अदालत में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील एसएस चंद्रमौली ने इस याचिका का विरोध किया और कहा कि मदनी के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं.
चंद्रमौली ने कहा कि कई गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए गए हैं, जिसमें मदनी और बैंगलोर ब्लास्ट के तार जुड़ते हैं. चंद्रमौली ने कहा, "इसके अलावा हम फोन रिकॉर्ड और दूसरे सूबत भी जुटा रहे हैं, जो साबित करेंगे कि मदनी बम धमाके में शामिल थे."
मदनी के वकीलों रवी बी नायक और पी उसमान का कहना है कि मदनी का इन धमाकों से कुछ लेना देना नहीं है, उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं और उनका नाम यूं ही घसीटा जा रहा है. मदनी को मंगलवार को कोल्लम से गिरफ्तार किया गया.
मदनी के वकीलों का कहना है, "टी नजीर का नाम पहली चार्जशीट में नहीं आया था, जो आरोपी है और आरोप है कि मदनी से उसकी बातचीत हुई. इसके अलावा अतिरिक्त चार्जशीट में जो फोन नंबर दर्शाए गए हैं, वे मदनी के नाम पर नहीं हैं. यह बात भी पहली चार्जशीट में नहीं थी और बाद में इसे जोड़ा गया." उन्होंने कहा कि एक और गवाह जोस वर्गीस ने दावा किया है कि मदनी ने नजीर से बात करते हुए बैंगलोर बम धमाके का जिक्र किया और वर्गीस ने यूं ही ऊपर ऊपर यह बात सुनी. "लेकिन यह बात साबित नहीं होती है कि मदनी के कहने का तात्पर्य क्या था और उन्होंने यह बात धमाके के पहले कही या बाद में. क्या इस बयान भर से उनके खिलाफ मामला बनता है."
दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जस्टिस अदी ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बाद में चंद्रमौली ने मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि नजीर ने कोडागू जिले के होसाथोटा गांव में एक बड़ी जमीन ले रखी है, जहां अदरक की खेती के नाम पर इस तरह की साजिश रची जाती है.
उन्होंने कहा कि बैंगलोर के सिलसिलेवार बम धमाकों में कुल 255 लोगों की गवाही ली गई है. धमाके के 31 आरोपियों से भी पूछताछ हुई है, जिसमें 15-16 पीडीपी के सदस्य हैं. चंद्रमौली ने कहा, "अब मदनी गिरफ्तार हो गए हैं. हो सकता है कि वह साजिश के बारे में कई बातें बताएं."
रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल
संपादनः ओ सिंह