मंथन 98 में खास..
२८ जुलाई २०१४जवाहर सरकार इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि भारत में दूरदर्शन और आकाशवाणी ने किस तरह से विज्ञान के प्रसार की जिम्मेदारी निभाई है. वह भारत और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की तुलना कर समझाएंगे कि नई तकनीक के बारे में जनता तक सूचना पहुंचाने का काम मीडिया किस तरह से जिम्मेदारी के साथ निभा सकता है.
इंटरनेट की दुनिया
इसके साथ ही इस बार के अंक में बात होगी कंप्यूटर गेम्स और यूट्यूब की. ये दोनों माध्यम ही इन दिनों कमाई का बढ़िया जरिया बन चुके हैं. कंप्यूटर गेम्स से होने वाली कमाई फिल्मों की कमाई को कभी की पछाड़ चुकी है. कई खेलों की कीमत तो बड़े हॉलीवुड प्रोडक्शन के बराबर की होती है. वॉचडॉग्स नाम के कंप्यूटर गेम की कीमत पांच करोड़ यूरो है. फ्रांसीसी कंपनी उबीसॉफ्ट ने इसे बनाया है, जो यूरोप की सबसे बड़ी खेल निर्माता कंपनी है. इसके रिलीज होने से पहले ही इसे कंप्यूटर गेम्स की दुनिया में मील का पत्थर बताया गया.
इसी तरह यूरोप में सैंकड़ों वीडियो ब्लॉगर यूट्यूब के जरिए कमाई कर रहे हैं. हर वीडियो से पहले विज्ञापन चलते हैं जो कि कमाई का जरिया हैं. लेकिन सच में उन्हें कितने पैसे मिलते हैं, इस बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं देता. वीडियो पर हजार क्लिक के करीब तीन यूरो यानि अंदाजन 250 रुपये मिलते हैं.
ऊर्जा की भूख
दुनिया भर में ऊर्जा की भूख लगातार बढ़ती जा रही है और संसाधनों पर दबाव भी बढ़ रहा है. मांग को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों की नजर लंबे समय से सूरज पर टिकी हुई है. वे सूर्य की तरह धरती पर नाभिकीय संलयन यानि न्यूक्लियर फ्यूजन से ऊर्जा पैदा करना चाहते हैं. इसी कोशिश में जर्मनी और भारत समेत कई देश एक साझा प्रयोग कर रहे हैं.
ऊर्जा की ही भूख को मिटाने के लिए बायोईंधन भी बनाया जा रहा है. पुआल से बायोफ्यूल बन सकता है. पुआल में भी इतनी चीनी रहती है जितनी फसल में थी. स्विट्जरलैंड की कंपनी क्लारिआंट ने नई तकनीक की मदद से पुआल से चीनी निकालने में कामयाबी हासिल की है. कंपनी इसकी मदद से ईथेनॉल बना रही है. इसे साधारण पेट्रोल में मिलाया जा सकता है. इस सारी जानकारी के लिए देखना ना भूलें मंथन शनिवार सुबह 10.30 बजे डीडी नेशनल पर.
आईबी/एएम