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भ्रष्टाचार के खिलाफ धारावाहिक

३ दिसम्बर २०१४

थाइलैंड में भ्रष्टाचार विरोधी अधिकारी एक धारावाहिक पर पैसे लगा रहे हैं. उनका यह अभियान भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम का ही हिस्सा है. इससे पहले भारत में भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी बन चुकी है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

थाइलैंड का राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधी आयोग 10 काल्पनिक चीजों के लिए राशि मुहैया करा रहा है. इनमें किताब, सिनेमा और धारावाहिक शामिल हैं. बैंकॉक पोस्ट का कहना है कि इनकी कहानियां सच्ची घटनाओँ पर आधारित हैं. आयोग के प्रवक्ता विशा महाकुल का कहना है, "हम नागरिकों को बताना चाहते हैं कि भ्रष्टाचार क्या है और इस समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाने जरूरी हैं."

इस टेलीविजन कार्यक्रम के लिए शूटिंग शुरू हो चुकी है. इसमें पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक चिनावाट के समय में चावल पर मिलने वाली सब्सिडी का मुद्दा उठाया गया है. इसमें भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. पहला कार्यक्रम 2015 के मध्य में प्रसारित हो सकता है. मई में थाइलैंड की सेना ने वहां की निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर दिया था. समझा जाता है कि इसकी मुख्य वजह भ्रष्टाचार ही थी.

भारत और भ्रष्टाचार

भारत में भी भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा है. समाजसेवी अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था और इसके खिलाफ पूरे देश में आम आंदोलन हुए थे. दो साल पहले इसके खिलाफ एक राजनीतिक पार्टी आम आदमी पार्टी का गठन हुआ और पहली बार चुनाव लड़ते हुए इस पार्टी ने दिल्ली में अल्पमत सरकार बनाई थी. हालांकि बाद में सिर्फ 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया.

भारत की कांग्रेस नेतृत्व वाली पिछली सरकार पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगे थे, जिनमें राष्ट्रीय मंत्रियों का भी नाम आया था. टेलीकॉम से लेकर कोयला और कॉमनवेल्थ खेलों तक में भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे. इस वजह से कुछ केंद्रीय मंत्रियों को जेल तक जाना पड़ा. इस साल के चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी और इसने भी भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल हर साल भ्रष्ट मुल्कों की सूची बनाता है, जिसमें भारत और थाइलैंड संयुक्त रूप से 85वें नंबर पर हैं. डेनमार्क सबसे कम भ्रष्ट और सोमालिया तथा उत्तर कोरिया सबसे भ्रष्ट देश बताए गए हैं.

एजेए/एमजे (डीपीए)